TRENDING TAGS :
मोदी का आम आदमी को तोहफा, GST और घर को लेकर ये है बड़ा फैसला
नई दिल्ली: मोदी सरकार ने एक बार फिर आम आदमी को फायदा पहुँचाने के उद्देश्य कई अहम् फैसले लिए है। सरकार ने अपने नए फैसले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर खरीदने वालों को मिलने वाली ब्याज दर पर राहत का दायरा बढ़ा दिया है। वहीँ एक अन्य फैसले में एक और राहत देते हुए जीएसटी को लेकर भी खास प्रावधान किया गया है।
गुरुवार को हुई मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में ये सभी फैसलों पर मुहर लगाईं गयी है। कैबिनेट ने एक अहम् फैसले पर मुहर लगाते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इंटरेस्ट सब्सिडी का दायरा बढ़ाया है। इससे पहले यह सब्सिडी 90 स्क्वायर मीटर एरिया पर मिलती थी, लेकिन इस फैसले पर मुहर लगने के बाद अब इसके लिए 120 स्क्वायर मीटर एरिया तय किया गया है।
सब्सिडी बढाने के साथ ही मोदी कैबिनेट ने इस स्कीम के लिए एलिजिबल घरों के लिए कारपेट एरिया भी बढ़ा दिया है। बतादें, यह सुविधा मध्यम आय समूह के लोगों को क्रेडिट लिंक्ड स्कीम के तहत दिया जाएगा।
दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कम आय समूह के लोगों को ब्याज दर पर राहत दी जाती है। अगर इस योजना के लिए बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और अन्य संस्थानों से अगर लोन लिया जाता है , तो उन्हें सिफ 6.5 फीसदी ब्याज देना होगा, इसके लिए कुछ शर्तों के साथ 20 साल का लोन टेन्योर मिलता है। यही नहीं इस योजना के तहत मिलने वाली क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी सिर्फ 6 लाख लोन अमाउंट व अतिरिक्त 6 लाख रुपये लोन रकम को दिया जाता है। लेकिन इस सब्सिडी स्कीम को तब ही लिया जा सकता है, जब कोई नया निर्माण कर रहा है या फिर मौजूदा घर में नया कमरा बनाना चाहता है।
दाल की कीमतों पर भी मोदी कैबिनेट ने लिया फैसला
मोदी कैबिनेट ने प्रधानमन्त्री आवास योजना के अलावा दाल को लेकर भी आम आदमी को बड़ी राहत दी है। कैबिनेट बैठक में दालों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को भी हटाने पर भी फैसला लिया गया। सरकार के मुताबिक, किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए ज्यादा विकल्प दिए जाएंगे, ताकि उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके।
जीएसटी पर भी राहत
कैबिनेट ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए जीएसटी को लेकर राहत दी है। मोदी कैबिनेट ने मुनाफा विरोधी अखिल भारतीय समिति को स्थापित करने को हरी झंडी दे दी है। इससे आम लोगों तक जीएसटी के घटे रेट का फायदा नहीं पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी।
सरकार के मुताबिक, अखिल मुनाफा विरोधी समिति की स्थायी समिति राज्य के साथ केंद्रीय स्तर पर भी बनाई जाएगी। अगर किसी भी ग्राहक को लगता है कि उसके साथ मुनाफाखोरी हो रही है, तो वह इसकी शिकायत कर सकता है।