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किसने कहा- मोदी सरकार सिर्फ 15 सबसे अमीर लोगों के लिए काम कर रही
नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निशाने पर एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी हैं। राहुल का आरोप है कि मोदी सरकार पर कुछ मुट्ठीभर अमीरों के लिए काम कर रही है। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ओबीसी सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल ने मोदी सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा नरेंद्र मोदी सरकार सिर्फ 15 सबसे अमीर लोगों के लिए काम कर रही है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं उनका कर्ज माफ नहीं होगा। हिंदुस्तान में जो काम करता है, वह पिछले कमरे में छिपा रहता है...जो दर्जी का काम करता है, धोबी, बढ़ई का काम करता है, वह छिपा रहता है...काम कोई करता है और फायदा किसी और को मिलता है...यह है हिंदुस्तान की सच्चाई...हुनर किसी के पास और फायदा किसी और को।
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राहुल गांधी ने कहा जो काम करता है, खून-पसीना देता है, जिसके पास स्किल है, उसे हिंदुस्तान सम्मान नहीं देता है। किसान दिनभर काम करेगा लेकिन नरेंद्र मोदी के ऑफिस में किसान कभी नहीं दिखेगा। कर्ज माफ होगा तो 15 लोगों का, किसान आत्महत्या भले ही कर लें लेकिन उनका कर्ज माफ नहीं होगा।'
उन्होंने कहा, 'कोकाकोला वाला शिकंजी बेचता था...मैकडॉनल्ड वाला ढाबा चलाता था। फोर्ड, मर्सेडीज, होंडा को किसने शुरू किया...मकैनिक थे तीनों...आप हिंदुस्तान में कोई ऑटोमोबाइल कंपनी बता दो जिसे मकैनिक ने शुरू किया हो। ऐसा नहीं है कि हिंदुस्तान में वैसे मकैनिक नहीं थे...वजह यह है कि फोर्ड के लिए बैंक के दरवाजे खुले हुए थे..लेकिन हमारे यहां ऐसा नहीं है...जिनके पास हुनर है, उन्हें देश कुछ नहीं देता है।'
कांग्रेस ने राजग के मंत्रियों पर चुटकी ली
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मंत्रियों की एक-दूसरे के मंत्रालयों के लिए संवाददाता सम्मेलन करने पर चुटकी लेते हुए कहा कि कोई भी मंत्री अपने मंत्रालय के कामकाज के बारे में बात नहीं कर रहा, लगता है कि सामूहिक जिम्मेदारी को फिर से परिभाषित किया गया है। मनीष ने ट्वीट कर कहा, "यह वास्तव में मजेदार सरकार है। वित्त मंत्री (अरुण जेटली) कानूनी मामलों पर फेसबुक पोस्ट लिखते हैं, कानून मंत्री (रविशंकर प्रसाद) रक्षा मामलों पर कॉन्फ्रेंस करते हैं और रक्षा मंत्री (निर्मला सीतारमण) वित्त मामलों पर .. कोई भी मंत्री अपने मंत्रालय के कामकाज के बारे में बात नहीं करता। सामूहिक जिम्मेदारी को फिर से परिभाषित किया गया है।"
मनीष ने यह टिप्पणी जेटली द्वारा अपने ब्लॉग पेज पर न्यायिक प्रक्रिया संबंधी पोस्ट किए जाने के बाद की है।
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भाजपा की नीतिगत चूक आर्थिक विफलता का कारण : चिदंबरम
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी की 'प्रशासनिक अक्षमता' और 'नीतिगत चूक' बढ़ते कृषि संकट, बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था की विफलता के लिए जिम्मेदार रही हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा, "किसानों की निराशा गुस्से में बदल गई है और वे विरोध के लिए सड़कों पर आ गए हैं।"
उन्होंने कहा, "कृषि उपज और कृषि श्रम की कमतर मजदूरी का प्रमुख कारण अनौपचारिक मूल्य है। एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर्याप्त नहीं है। हर किसान जानता है कि एमएसपी लागत का 50 प्रतिशत का वादा एक जुमला है।"
चिदंबरम ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के सर्वेक्षण में कहा गया है कि 48 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया है कि पिछले 12 महीनों में देश की आर्थिक स्थिति बदतर हुई है।
उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ी है, जो भाजपा के एक साल में दो करोड़ रोजगार मुहैया कराने के वादे से बिलकुल जुदा है।
चिदंबरम ने सवालिया लहजे में पूछा कि अक्टूबर-दिसंबर 2017 के लिए श्रम ब्यूरो के सर्वेक्षण को जारी क्यों नहीं किया गया?
चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी के कारण 2015-16 में विकास दर 8.2 प्रतिशत से घटकर 2017-18 में 6.7 प्रतिशत रह गई।
उन्होंने कहा, "तमिलनाडु सरकार ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि 2017-18 के दौरान राज्य में 50,000 एमएसएमई इकाइयां बंद हो गईं, पांच लाख नौकरियां छिन गईं और एमएसएमई क्षेत्र में पूंजीगत निवेश में 11,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई।"
उन्होंने कहा कि दोषपूर्ण वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की वजह से व्यापार का प्रभावित होना जारी है।
चिदंबरम ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा कानूनों और कार्यक्रमों को भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने उपेक्षित कर दिया है।
उन्होंने कहा, "खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू नहीं किया गया। मनरेगा अब मांग संचालित नहीं है, वेतन बकाया राशि बढ़ी है। बेमुश्किल 30 फीसदी किसानों को ही फसल बीमा का लाभ मिल रहा है। यह बीमा कंपनियों के लिए अप्रत्याशित है। स्वास्थ्य सुरक्षा योजना एक और जुमला है।"