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रहें तैयार ! ‘नोटबंदी’ के बाद अब मोदी सरकार कर सकती है ‘चेकबंदी’
नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने कालेधन के खिलाफ अपनी मुहीम के तहत पहले नोटबंदी की, जिसने कालेधन पर रोक तो लगाईं ही साथ-साथ पेमेंट के तरीके को भी पूरी तरह बदल कर रख दिया। नोटबंदी का एक और उद्देश्य था अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाना। अब मोदी सरकार एक और बड़ा बदलाव करने जा रही है। डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए चेक से पेमेंट की व्यवस्था अब पूरी तरह से खत्म हो सकती है।
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अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) के मुताबिक, केन्द्र सरकार जल्द चेकबुक की व्यवस्था को खत्म करने का फरमान सुना सकती है। CAIT के जनरल सेकेट्री प्रवीण खंडेलवाल का मानना हैं कि सरकार क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को लगातार बढ़ावा दे रही है। इस माध्यम को और सुचारू रूप से चलाने के लिए वह जल्द चेकबुक की सुविधा को भी खत्म करने की पहल कर सकती है।
खंडेलवाल के मुताबिक नोटबंदी से पहले तक केन्द्र सरकार लगभग 25 हजार करोड़ रुपये नई करेंसी की छपाई और 6 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम करेंसी की सुरक्षा पर खर्च करती थी। इस खर्च को देखते हुए ही केन्द्र सरकार देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस में बदलना चाहती है।
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उन्होंने कहा कि देशभर में 80 करोड़ एटीएम हैं, लेकिन सिर्फ 5 प्रतिशत कार्ड का इस्तेमाल डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता है, जबकि 95 प्रतिशत एटीएम कार्ड सिर्फ कैश निकालने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
बतादें, 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए अचानक 500 और 1000 के नोट को बंद कर दिया था।