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केंद्र सरकार का निर्देश, मौखिक आदेश पर काम न करें अफसर
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सभी अफसरों से साफ तौर से कह दिया है कि वो मौखिक आदेश पर कोई काम न करें। हर फैसले और आदेश, लिखित में होने चाहिए। डिपार्टमेंट और पर्सनल एंड ट्रेनिंग यानि DOPT की तरफ से इस पर सभी मंत्रालयों और विभागों को सख्ती से अमल करने को कहा गया है। केंद्र सरकार चाहती है कि सभी फैसले और आदेशों में ऑफिस मैनुअल का पालन सुनिश्चित किया जाए।
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बता दें, कि पिछले तीन सालों में ऐसा दूसरी बार है जब ऑफिस मैनुअल के हिसाब से काम करने और इसको कड़ाई से लागू करने की बात कही गई है। इसमें कहा गया है, कि किसी मंत्रालय के मंत्री अथवा उनके स्टाफ द्वारा मौखिक रूप से आदेश पर नहीं, बल्कि लिखित आदेश पर ही अधिकारी काम करें।
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...तो अगले दिन जारी करें आदेश
आपातकालीन स्थितियों में जब कि फौरन लिखित आदेश देने का वक्त न हो तो अगले दिन संबंधित आदेश लिखित में जरूर ले लिया जाए और अगर एक दिन के भीतर लिखित आदेश नहीं मिल पाता है तो कार्रवाई की जा सकती है।
15 दिनों में हो शिकायतों का निस्तारण
इसके साथ ही सभी अधिकारियों को ये भी हिदायत दी गई है कि जनप्रतिनिधियों द्वारा मिली शिकायतों का निस्तारण उन्हें अधिकतम 15 दिनों में काम करना होगा। मोदी सरकार ने साल 2015 में आफिस मैनुअल को नए सिरे से जारी किया था लेकिन कई मंत्रालयों द्वारा इसका उचित पालन नहीं किया जा रहा था जिसके चलते डीओपीटी ने दोबारा ये निर्देश दिए हैं।