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NDTV छापा: CBI की 'न्यूयॉर्क टाइम्स' को चिट्ठी, लिखा- हमें मत पढ़ाइए प्रेस की आजादी का पाठ
नई दिल्ली: अपने प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप से 'कुत्ता' और 'दलालों की मंडी' कहे जाने वाली अमरीकी मीडिया खासकर वहां के बड़े अखबार न्यूयार्क टाइम्स ने भारत में एनडीटीवी पर सीबीआई के छापे को प्रेस की आजादी पर हमला कहा है। न्यूयार्क टाइम्स ने एनडीटीवी पर सीबीआई छापे को लेकर लंबा संपादकीय लिखा, जिसका जवाब सीबीआई ने अखबार को पत्र लिखकर दिया है।
सीबीआई ने लिखा है कि छापे का प्रेस की आजादी से कोई लेना-देना नहीं है। एनडीटीवी पर छापा टैक्स की चोरी और बैंक से की गई धोखाधडी को लेकर मारा गया है। इस खबरिया चैनल ने बैंको से साथ धोखाधड़ी की है।
डोनाल्ड ट्रंप अपने देश की मीडिया से खासे नाराज रहते हैं और उसे दलालों की मंडी करार देते हैं। न्यूयार्क टाइम्स में छपे कुछ लेख को लेकर उनकी खासी नाराजगी रही है।
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गौरतलब है कि बीते दिनों एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय और राधिका रॉय के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। इसी संबंध में न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा था कि 'भारत का स्वतंत्र मीडिया अब पस्त हो चुका है। देश में कई ऐसे लोग हैं, जो बैंकों के बड़े-बड़े डिफॉल्टर हैं लेकिन सीबीआई उनके ठिकानों पर छापा नहीं मारती, जबकि एक प्राइवेट बैंक के मामले में एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय के ठिकानों पर छापा मारा गया।'
आगे की स्लाइड में पढ़ें सीबीआई की चिट्ठी ...
मोदी शासनकाल में मीडिया में खौफ
न्यूयॉर्क टाइम्स ने संपादकीय में मोदी शासन को मीडिया के लिए सही नहीं ठहराया है। लेख में आगे लिखा है कि 'पीएम मोदी के शासनकाल में भारत की मीडिया में एक नए तरह का खौफ है।'
सीबीआई ने जताई कड़ी नाराजगी
इस संपादकीय लेख में आगे है कि 'सीबीआई के इन छापों ने भारतीय मीडिया के लिए धमकी भरे खतरे की घंटी बजाई है।' न्यूयॉर्क टाइम्स के इस लेख पर सीबीआई ने कड़ी नाराजगी जताई है। लेख की भाषा और उसकी सोच पर ऐतराज जताते हुए सीबीआई प्रवक्ता आरके गौर ने न्यूयॉर्क टाइम्स को पत्र लिखकर कहा है कि 'भारत को प्रेस की आजादी टाइम्स ग्रुप से नहीं सीखना है।'