ओलांद के बयान के बाद देश में गर्मा गई राफेल राजनीति,कांग्रेस का चौतरफा हमला

Anoop Ojha
Published on: 22 Sep 2018 4:06 AM GMT
ओलांद के बयान के बाद देश में गर्मा गई राफेल राजनीति,कांग्रेस का चौतरफा हमला
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नई दिल्ली: एक बार फिर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद भारत में सियासत गर्मा गई। फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि हमने राफेल डील में कोई भारतीय कंपनी नहीं चुनी। पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि राफेल डील के लिए भारत सरकार की ओर से अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस का नाम प्रस्तावित किया गया था और दसॉ एविएशन कंपनी के पास कोई और विकल्प नहीं था। एक फ़्रेंच अखबार को दिए इंटरव्यू में ओलांद ने कहा कि भारत सरकार के नाम सुझाने के बाद ही दसॉल्ट एविएशन ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस से बात शुरू की। पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद फ्रांस की वर्तमान सरकार ने कहा कि वह राफेल फाइटर जेट डील के लिए भारतीय औद्योगिक भागीदारों को चुनने में किसी भी तरह से शामिल नहीं थी। सरकार ने जोर देते हुए कहा कि फ्रांसीसी कंपनियों को करार करने के लिए भारतीय कंपनियों का चयन करने की पूरी आजादी है।

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला

राफेल डील के मुददे को जोर शोर से उठाने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलने का एक और कारण मिल गया। अध्यक्ष राहुल गांधी ने ओलांद के इस बयान को दोनों हाथों से लपका और बिना देरी किए पीएम मोदी पर जोरदार हमला बोला।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री ने बंद दरवाजे के पीछे निजी तौर पर राफेल डील पर बात की और इसमें बदलाव कराया।इतना ही नहीं राहुल ने तो यहां तक कह दिया कि फ्रांस्वा ओलांद को धन्यवाद, हम अब जानते हैं कि उन्होंने दिवालिया हो चुके अनिल अंबानी के लिए बिलियन डॉलर्स की डील कराई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अप्रैल 2015 को पेरिस में तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ बातचीत के बाद 36 राफेल विमानों की खरीद का ऐलान किया था।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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