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NIA : आतंकी वित्त पोषण मामले में आरोप-पत्र अगले सप्ताह

Rishi
Published on: 12 Jan 2018 7:18 PM IST
NIA : आतंकी वित्त पोषण मामले में आरोप-पत्र अगले सप्ताह
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नई दिल्ली : एनआईए ने शुक्रवार को यहां की एक अदालत से कहा कि वह कश्मीर घाटी में आतंकी वित्तपोषण मामले में अगले हफ्ते आरोप-पत्र दाखिल करेगी। अदालत ने इस मामले में सात कश्मीरी अलगाववादियों और एक व्यापारी को 18 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। न्यायालय सूत्रों के मुताबिक, बंद कमरे में हुई सुनवाई में एनआईए ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तरुण सहरावत से कहा कि एनआईए इस मामले में अंतिम रपट अगले हफ्ते दाखिल करेगी।

एनआईए ने कहा, "इस मामले की जांच पूरी होने को है और उपलब्ध सबूतों को समेटा जा रहा है।"

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एजेंसी ने न्यायालय से आठों आरोपियों की न्यायिक हिरासत सात दिन अतिरिक्त बढ़ाने का आग्रह किया था। न्यायालय ने एनआईए के आग्रह को मानते हुए आठों आरोपियों को और सात दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

आठों आरोपियों पर जम्मू एवं कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी गतिविधि और पथराव की घटना के के लिए पैसे लेने के आरोप हैं।

एनआईए ने 24 जुलाई, 2017 को इनमें से सात आरोपियों -आफताब हिलाली शाह उर्फ शाहिद-उल-इस्लाम, अयाज अकबर खांडे, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह, राजा मेहराजुद्दीन कलवल, बशीर अहमद बट्ट उर्फ पीर सैफुल्लाह को आपराधिक षड्यंत्र और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

इनमें से अल्ताफ अहमद शाह अलगाववादी संगठन कट्टरपंथी हुर्रियत के शीर्ष नेता सैयद अली शाह गिलानी का दामाद है। इस्लाम हुर्रियत के नरमपंथी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूक का निकट सहयोगी है। जबकि खांडे गिलानी नीत हुर्रियत का प्रवक्ता है।

कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों और अलगाववादियों के वित्त पोषण के लिए धन इकट्ठा करने के आरोपी व्यापारी जहूर अहमद शाह वटाली को पिछले वर्ष 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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