TRENDING TAGS :
स्वच्छ वाहन बनाओ, वरना बैंड बजा देंगे : कार कंपनियों से गडकरी
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी गुरुवार को इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफेक्चर्स सोसाइटी (सियाम) की समिट में शामिल हुए।
नई दिल्ली: सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी गुरुवार को इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफेक्चर्स सोसाइटी (सियाम) की समिट में शामिल हुए। उन्होंने साफ कहा कि जो कार मेकर कंपनियां स्वच्छ ईंधन वाले वाहन नहीं बनाएंगी, उन्हें उत्पादन की इजाजत नहीं होगी। भविष्य इसी का है। पॉल्यूशन कम करने के लिए सरकार की पॉलिसी साफ है। अगर कंपनियां ऐसा नहीं करती हैं तो मैं पेट्रोल-डीजल को बढ़ावा देने वालों का बिना पूछे बैंड बजाने के लिए तैयार हूं। अगर ऑटो कंपनियों ने बदले हालात के मुताबिक वाहन तैयार नहीं किए तो फिर उन्हें अपनी दुकान बंद करनी पड़ेगी।
गडकरी ने कहा कि कार कंपनियों को पेट्रोल-डीजल कारों की जगह इलेक्टिक या ऐसे ईंधन से चलने वाले वाहन तैयार करने होंगे, जो कम प्रदूषण फैलाते हो। गडकरी के साथ ही नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने यह चेतावनी अलग से दे दी कि ऑटो कंपनियों को शोध व विकास और नई तकनीकी पर अब ज्यादा खर्च करना होगा। कांत ने कहा कि जैसा अभी उद्योग में चल रहा है, वैसा आगे नहीं चलेगा। आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों का है। कंपनियों को उसी के हिसाब से कामकाज में बदलाव करना होगा।
यह भी पढ़ें ... ध्यान दें! गडकरी बोले- देश में 100 पुल ऐसे जो कभी भी ढह सकते हैं
गडकरी ने कहा कि नीति को तैयार करने की अंतिम प्रक्रिया चल रही है। इसे लागू करने में कोई देरी नहीं की जाएगी। गडकरी ने बताया कि नई ऑटो नीति इसलिए जरूरी है, क्योंकि सरकार प्रदूषण रोकने के साथ ही पेट्रोलियम उत्पादों का आयात घटाना चाहती है। पीएम मोदी ने साल 2030 तक आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता को 20 फीसद तक कम करने का लक्ष्य रखा है। गडकरी ने बगैर लाग लपेट के कहा कि सरकार की नीतियों का समर्थन करने वालों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। जो लोग अब भी हालात की अनदेखी करते हुए पैसा बनाने में लगे हैं, उनका भविष्य अच्छा नहीं है। |
इसके बाद सरकार यह दलील नहीं सुनेगी कि उनके पास पुराना स्टॉक पड़ा हुआ है। कंपनियों को समझ लेना चाहिए कि पेट्रोल-डीजल कारों के दिन लद गए हैं।