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नीतीश का मोदी सरकार पर हमला, कहा- कर्जमाफी के ऐलान से किसानों का संकट ख़त्म नहीं होगा
पटना: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ी। किसानों की कर्जमाफी की आग अब महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, यूपी के अलावा अब देश के अन्य राज्यों में भी फैलने लगी है। इसी मुद्दे पर नीतीश कुमार ने आज (12 जून) केंद्र की मोदी सरकार को घेरा।
नीतीश बोले, केंद्र सरकार ने किसानों से किया वादा नहीं निभाया। उन्होंने कहा, किसानों को फसल का उचित दाम नहीं मिला रहा है। ये सरकार किसानों के साथ न्याय नहीं कर रही है।
बने राष्ट्रीय नीति
बिहार के सीएम ने मांग की, कि किसानों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नीति बने। उन्होंने कहा, देश में किसानों के हालात ये हैं कि उन्हें लागत मूल्य तक खेती से नहीं निकल पा रहे हैं। नीतीश ने कहा, कर्जमाफी के एलान से किसानों का संकट ख़त्म नहीं होगा।
किसान आरक्षण की मांग के लिए मजबूर
नीतीश ने कहा, 'किसान संकट का इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा कि मराठा, जाट, पाटीदार जैसे समूह जो कभी कृषि क्षेत्र में काफी सशक्त थे आज इतने पिछड़ गए कि आरक्षण की मांग के लिए मजबूर हो गए। विभिन्न प्रांतों में लोग आज आरक्षण की मांग कर रहे हैं तो यह वाकई में किसान संकट है।'
बिहार में कल ही चुनाव करवा दूंगा
नीतीश कुमार ने कहा, कि 'पिछले दिनों किसी ने बिहार में फिर से चुनाव कराने को कहा। मैं बिहार में कल ही चुनाव कराने को तैयार हूं लेकिन यूपी में भी चुनाव कराइए। यूपी और बिहार के बीजेपी-एनडीए के सांसद-विधायक इस्तीफा दें। अगर हिम्मत है तो ऐसा करें, बिहार में कल ही चुनाव करा दूंगा।'
...आज आप भी तो वही कर रहे
नीतीश यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा, 'जब यही यही (बीजेपी) पार्टी विपक्ष में थी तो कहती थी आज असम में किसानों पर गोली चली, तो आज फलां राज्य में किसानों के आंदोलन को कुचला जा रहा है। आज खुद ये पार्टी सत्ता में हैं तो देश की जनता देख रही है कि ये क्या कर रहे हैं।'
बीते 10 दिनों से चल रहा किसान आंदोलन
गौरतलब है, कि बीते 10 दिनों से महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश के किसान खेती छोड़कर सड़क पर आंदोलन कर रहा था। जिन फसलों को पसीना बहाकर उपजाया उसे अपने ही हाथों से सड़क पर बर्बाद करने को किसान मजबूर हुए। किसानों की शिकायत थी कि उन्हें एक तो फसल की सही कीमत नहीं मिलती, दूसरे कर्ज का बोझ उन्हें जीने नहीं दे रहा।