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शराबबंदी के बाद नितीश की नई शपथ-अब न जलेगी बेटी, न ही होगा बाल विवाह
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार जो भी फैसले ले रहे है वो ऐसी रणनीति के तहत लिए जा रहे है जिसका विपक्ष राजनीतिक द्वेष के चलते भी विरोध करने से कतरा रहे है। बिहार में शराबबंदी कर उन्होंने साबित कर दिया था कि वो बिहार को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए कोई भी कड़ा कदम उठाने से नहीं कतरायेंगे। न चाहते हुए विपक्ष ने इस कदम की तारीफ में कसीदे पढ़े।
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शराबबंदी के बाद आज गांधी जयंती के दिन नितीश ने सूबे में बाल विवाह और दहेज के खिलाफ अभियान शुरू किया है। जो 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उनका मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।
बिहार में बाल विवाह और दहेज के खिलाफ सोमवार को एक बड़ा अभियान शुरू किया गया। महात्मा गांधी की 148 वीं जयंती समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नितिश कुमार ने नव निर्मित बापू सभाघर में राज्यव्यापी अभियान शुरू किया। बाल विवाह के खिलाफ कड़े कानून होने के बावजूद यह बिहार में काफी प्रचलित है। खासकर बिहार के ग्रामीण इलाकों में यह कुप्रथा बहुत बड़े स्तर पर फैली हुई है।
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नीतीश कुमार ने कहा, जैसे बिहार ने शराबबंदी के खिलाफ शपथ ली वैसे ही हमें बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ भी एकजुट होना होगा, अब बिहार में नहीं कोई बेटी जलेगी और ना ही बाल विवाह होगा। सीएम नीतीश ने कहा कि 21 जनवरी को बाल विवाह, दहेज प्रथा और शराब सेवन के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाई जाएगी।
कुछ वर्ष पहले तक बिहार में होने वाले कुल विवाह में से करीब 69 प्रतिशत बाल विवाह होते थे। लेकिन हाल ही में हुए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 में खुलासा हुआ कि लड़कियों की शिक्षा पर जोर के कारण पिछले 10 सालों में यह आंकड़ा घटा है।