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असम से पड़ोसी राज्यों में भाग रहे संदिग्ध अवैध नागरिक

Anoop Ojha
Published on: 2 Aug 2018 2:39 PM IST
असम से पड़ोसी राज्यों में भाग रहे संदिग्ध अवैध नागरिक
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गुवाहाटी: नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) के तूफान की दस्तक नागालैंड और मेघालय तक पहुंच चुकी है। जब से एनआरसी की सूची जारी हुई है तबसे असम से सटे इन राज्यों में पहुंचे हजारों लोगों को बैरंग लौटाया जा चुका है। असल में असम में जिन लोगों के नाम एनआरसी से नदारद हैं यानी अवैध बांग्लादेशी प्रवासी, वो डर के मारे राज्य से भाग रहे हैं।

नगालैंड में पुलिस ने असम से सटे सभी एंट्री प्वाइंट्स पर नाकेबंदी कर दी है। राज्य के इकलौते रेलवे स्टेशन डीमापुर में भी पुलिस सख्त निगरानी कर रही है।

नगालैंड में प्रवेश करने के लिए वैसे भी सभी लोगों के लिए इनर लाइन परमिट (आईएलपी) जरूरी होता है लेकिन अब बाहरी लोगों के लिए इस परमिट के अलावा अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, दस्तावेजों को प्रस्तुत करने में असफल सैकड़ों यात्रियों को वापस भेजा गया है।

असम में 30 जुलाई को एनआरसी का अंतिम ड्राफ्ट प्रकाशित होने के पहले ही नगालैंड सरकार ने राज्य के सभी संगठनों और ग्राम्य अधिकारियों को सचेत कर दिया गया था कि वे अवैध प्रवासियों को आने से रोकने के लिए तैयार रहें। नगालैंड के चीफ सेक्रेटरी तेमजेन टाय ने बताया कि पुलिस सभी यात्रियों से उनकी पहचान पता कर रही है। बाहर से आने वाले लोगों से आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी वगैरह मांग जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, असम-नगालैंड सीमा पर इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) की अतिरिक्त टुकडयि़ों को तैनात किया जा रहा है।

एनआरसी के प्रकाशन के बाद किसी संभावित समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने असम व पड़ोसी राज्यों में केंद्रीय बलों के 22 हजार जवान भेजे हैं। असम के शिवसागर, कार्बी आंग्लांग, जोरहाट, गोलाघाट और उरियामघाट जैसे इलाके नगालैंड से लगी सीमा के पास स्थित हैं। इस बीच, नागा छात्र संघ (एनएसएफ) ने भी राज्य के लोगों से अवैध घुसपैठियों को पनाह नहीं देने और उनके बारे में प्रशासन को सूचित करने की अपील की है।

उधर मेघालय में पुलिस के साथ-साथ छात्र संगठन भी अवैध प्रवासियों की घुसपैठ रोकने में लगे हुए हैं। खासी स्टूडेंट्स यूनियन (केएसयू) द्वारा मेघालय में 1,000 से अधिक आप्रवासियों को कई चेक-पोस्ट से वापस भेज दिया गया है। केएसयू ने तीन जिलों में चेक-पोस्ट की स्थापना की। केएसयू के पश्चिम खासी हिल्स जिला प्रमुख जॉन फिशर नोंग्सियांग ने कहा कि उन्होंने 'घुसपैठ चेक गेट्स' का निर्माण किया क्योंकि राज्य में आवजाही से निपटने के लिए कोई तंत्र नहीं है।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सीमावर्ती क्षेत्रों में कम से कम एक माह तक गश्त बढ़ाने और विशेष चौकसी बरतने के निर्देश दिये हैं।

भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से सरकार चला रहे नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने एक सार्वजनिक समारोह में कहा कि कार्य संस्कृति और श्रम की गरिमा के अभाव के कारण अवैध शरणार्थी राज्य में घुसते हैं। उन्होंने राज्य के लोगों से कहा कि अगर वे काम करना शुरु कर देंगे तो बाहर वालों को रोजगार नहीं मिलेगा और अगर उन्हें रोजगार नहीं मिलेगा तो वे यहां नहीं आएंगे। नागालैंड सरकार ने ग्राम परिषदों से भी सतर्क रहने और अवैध शरणार्थियों को उसकी सीमा में घुसने नहीं देने को कहा है।



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Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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