×

AIADMK सरकार संकट में, दिनाकरन गुट के 19 MLA ने वापस लिया समर्थन

aman
By aman
Published on: 23 Aug 2017 12:01 AM IST
AIADMK सरकार संकट में, दिनाकरन गुट के 19 MLA ने वापस लिया समर्थन
X
AIADMK सरकार संकट में, विपक्ष ने की शक्ति परीक्षण की मांग

चेन्नई: तमिलनाडु में मंगलवार को विपक्ष ने पलनीस्वामी सरकार से सदन में बहुमत साबित किए जाने की मांग की। भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव वीके शशिकला के भतीजे टी.टी.वी. दिनाकरन के नेतृत्व वाले पार्टी के धड़े के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी से समर्थन वापस लेने के बाद विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण की मांग विपक्ष ने की है। दिनाकरन गुट ने पलनीस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने से सरकार अल्पमत में आ गई है।

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन व पीएमके के नेता अंबुमणि रामदॉस ने राज्यपाल सीवी राव से मिलकर आग्रह किया कि वे पलनीस्वामी को विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करने को कहें। डीएमके ने राज्यपाल से यह अनुरोध दिनाकरन गुट के मुख्यमंत्री बदलने की मांग पर किया है।

अलग-थलग किए जाने से दिनाकरन गुट परेशान

राज्यपाल से मुलाकात के बाद शशिकला व दिनाकरन के करीबी थंगातामिज चेलवन ने एक टेलीविजन चैनल से कहा, 'हमने राज्यपाल से कहा है कि हम मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी को बदलने के लिए कदम उठाएंगे।' दिनाकरन गुट सत्तारूढ़ पार्टी में अपने को अलग-थलग किए जाने से परेशान है। सत्तारूढ़ पार्टी के दो गुटों (पलनीस्वामी गुट व पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम गुट) का एक दिन पहले विलय हुआ है। विलय हुई पार्टी ने शशिकला को महासचिव पद से बर्खास्त करने का फैसला किया है।

आगे की स्लाइड में पढ़ें पूरी खबर ...

खरीद-फरोख्त से बचाने की कोशिश!

दिनाकरन गुट के 19 विधायक मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल से मिले। एक सूत्र ने कहा, कि उन सभी को अब बेंगलुरु या पुडुचेरी ले जाया जाएगा, जिससे कि प्रमुख एआईएडीएमके गुट उनसे संपर्क नहीं कर सकें और कोई खरीद-फरोख्त न हो सके।

पलनी-पन्नीर मिले

दिनाकरन गुट के राज्यपाल से मिलने के बाद मुख्यमंत्री पलनीस्वामी व उप मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने विचार-विमर्श किया। उनकी बैठक का विवरण या सरकार पर आए खतरे का मुकाबला के लिए उनकी क्या योजना है, इसका पता नहीं चल सका है।

स्टालिन ने राज्यपाल को लिखा पत्र

घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सदन के विपक्ष के नेता स्टालिन ने राव को लिखे एक पत्र में कहा, 'मुख्यमंत्री से बहुमत साबित करने में की गई कोई अपरिहार्य देरी एक असंवैधानिक सरकार को जारी रखने का रास्ता दे सकती है। यह सदन में पूर्व के विश्वास मत परीक्षण की स्थापित मिसाल व लोकतांत्रिक नियमों को अस्थिर करेगी।'

पीएमके ने ये कहा

पीएमके के रामदॉस ने कहा, कि दिनाकरन के समूह के 19 विधायकों ने राज्यपाल से कहा कि उन्होंने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। इस वजह से एआईएडीएमके सरकार ने विधानसभा में बहुमत खो दिया है।'

सरकार अल्पमत में

एआईएडीएमके के विधानसभा में 134 सदस्य है। इसमें विधानसभा अध्यक्ष शामिल नहीं है। रामदॉस ने कहा, कि अब यह संख्या 115 हो गई है। उन्होंने कहा कि तीन अन्य विधायकों ने भी दिनाकरन के समर्थन की बात कही है। इससे एआईएडीएमके विधायकों की संख्या 112 ही रह गई है और सरकार अल्पमत में आ गई है।

ये है विधानसभा की स्थिति

बता दें, कि तमिलनाडु विधानसभा में 234 सीट है। एक सीट एआईएडीएमके की नेता जे. जयललिता के निधन से खाली है। डीएमके के 89 सदस्य हैं। कांग्रेस के 8 व आईयूएमएल का एक सदस्य है। विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपल सिर्फ मत बराबर रहने की हालत में वोट कर सकते हैं। कांग्रेस, आईयूएमएल व डीएमके का गठबंधन है।

आईएएनएस

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story