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मर्सल पर क्यों बरपा हंगामा: राहुल दे रहे नसीहत, BJP कह रही सीन हटाओ
नई दिल्ली: तमिल फिल्म के सुपरस्टार विजय की फिल्म ‘मर्सल’ को लेकर सियासी गलियारों में हंगामा बरपा हुआ है। और ये हंगामा फिल्म के उस डायलॉग पर मचा हुआ है जिसमे विजय जीएसटी और डिजिटल इंडिया कैंपेन का मजाक उड़ाते दिख रहे है।" बस क्या था फिल्म रिलीज़ होते ही पहले बीजेपी ने इस सीन को फिल्म से हटाने की मांग की और अब इस मांग पर विपक्ष उसे घेरने में लगा हुआ है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस मामले में पीएम मोदी को नसीहत दे रहे है तो वरिष्ठ कांग्रेस नेता चिदंबरम बीजेपी पर तंज कस रहे है।
वहीँ चिदंबरम ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि 'ऐसा कानून बनाना चाहिए, जिसमें वृत्तचित्रों (डॉक्यूमेंटरी) में सिर्फ सरकार की नीतियों की सराहना की जाए।'
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उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, "भाजपा 'मर्सल' के डायलॉग हटाने की मांग कर रही है। आप कल्पना कीजिए, आज की परिस्थिति में अगर 'पराशक्ति' जैसी फिल्म रिलीज हुई होती तो क्या होता।"
चिदंबरम ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "फिल्म निर्माताओं के लिए सूचना : कानून आने वाला है, अब आप केवल वही वृत्तचित्र बना सकते हैं, जिसमें सरकार की सराहना की जाए।"
'पराशक्ति' में 1950 के दौर की सामाजिक-आर्थिक बदहाली को दिखाया गया है। इस फिल्म के लिए पटकथा-लेखन द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के प्रमुख एम. करुणानिधि ने किया था और इस फिल्म में मुख्य भूमिका दिवंगत अभिनेता शिवाजी गणेशन ने निभाई थी।
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दिवाली पर फिल्म रिलीज होने के बाद तमिलनाडु भाजपा के नेताओं ने अभिनेता विजय को निशाने पर लिया। अभिनेता ने इस फिल्म में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व डिजिटल इंडिया पर निशाना साधा है।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एच. राजा ने शुक्रवार को अभिनेता के ईसाई मूल को लेकर ट्वीट किया।
उन्होंने कहा, "मोदी के लिए जोसेफ विजय की नफरत है 'मर्सल'।"
राजा ने कहा 'मर्सल' विजय के आर्थिक मामलों की उपेक्षा को दर्शाता है, जिसमें कहा गया है कि जीएसटी नया कर नहीं है और शराब पर 58 प्रतिशत कर लगाया गया है।
तमिलनाडु के भाजपा अध्यक्ष तमिलसाई सुंदरराजन ने फिल्म में जीएसटी, डिजिटल पेमेंट और मंदिर से संबंधित डायलॉग हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे गलत संदेश फैल रहा है।
--आईएएनएस