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ISI का खुला राज, भारतीय अफसरों को 'हनीट्रैप' में फंसाने की कोशिश नाकाम

aman
By aman
Published on: 17 Dec 2017 4:46 AM GMT
ISI का खुला राज, भारतीय अफसरों को हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश नाकाम
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ISI का खुला राज, भारतीय अधिकारियों को 'हनीट्रैप' में फंसाने की कोशिश नाकाम

नई दिल्ली: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की नई चाल का पर्दाफाश हुआ है। आईएसआई ने इस बार भारतीय अधिकारियों को फंसाने के लिए 'हनीट्रैप' बिछाया था, लेकिन उसकी यह कोशिश नाकाम रही। बता दें, कि अधिकारियों से महत्वपूर्ण जानकारियां निकलवाने के लिए पाक खुफिया एजेंसी ने यह चाल चली थी।

अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के अनुसार, पाकिस्तान में रह रहे तीन भारतीय अधिकारियों पर आईएसआई ने यह हथकंडा अपनाया था। इसी हफ्ते तीनों अधिकारियों ने आईएसआई की इस साजिश की सूचना विभागीय अधिकारियों दी। फिलहाल इन अधिकारियों से पूछताछ जारी है। भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसी से जुड़े सूत्रों की मानें, तो आईएसआई भारतीय अधिकारियों को सॉफ्ट टारगेट बनाने की कोशिश कर रहा है। इनमें भारतीय सेना के तीनों अंगों के जवान हैं।

पाक कर रहा 'हुस्न' का इस्तेमाल

अब तक खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए 'हुस्न' का इस्तेमाल दुनिया भर के देशों में किया जाता रहा है। लेकिन, पाकिस्तान की तरफ से किसी भारतीय अधिकारी को फंसाने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल चौंकाने वाला जरूर है। आईएसआई की इस हरकत का अंदेशा भारतीय अधिकारियों को पहले ही हो गया था। फलस्वरूप उन्होंने तुरंत भारत में अपने वरिष्ठ साथियों को आगाह किया। इसके बाद भारत सरकार ने जल्द ही उन तीनों अधिकारियों को दिल्ली वापस बुला लिया।

ट्रांसलेशन करने वालों पर नजर

अख़बार की मानें, तो इस पूरे मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया, कि 'भारतीय अधिकारी पाकिस्तान में भाषा विभाग में काम कर रहे थे। उनका काम भारत से आने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेजों का ट्रांसलेशन करना था। ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारियों को फंसाने की कई बार कोशिश की गई।'

खतरनाक योजना

सूत्र बताते हैं, कि 'जूनियर भारतीय अधिकारियों को पाकिस्तान के किसी स्थानीय होटल में ले जाकर आपत्तिजनक हालत में विडियो और तस्वीरें लेने की योजना थी। इन विडियो और तस्वीरों के जरिए अधिकारियों को ब्लैकमेल किया जाता और उनसे खुफिया जानकारी निकली जाती।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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