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संसद में माफी को लेकर हंगामा, मनमोहन ने भी नायडू से की शिकायत
संसद के इस शीतकालीन सत्र में हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। हंगामें के बीच सदन की कार्यवाही को बार बार स्थगित करना पड़ रहा है। आज एक बार फिर कांग्रेस पार्टी ने अपने
नई दिल्ली: संसद के इस शीतकालीन सत्र में हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। हंगामें के बीच सदन की कार्यवाही को बार बार स्थगित करना पड़ रहा है। आज एक बार फिर कांग्रेस पार्टी ने अपने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को लेकर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस पार्टी पीएम नरेंद्र मोदी से माफी की मांग कर रही है।दो राज्यों के चुनाव परिणाम आ गए हैं और दोनों राज्यों में बीजेपी सरकार बना रही है।सदन में कांग्रेस माफी के मुद्दे पर अड़ी हुई है। कांग्रेस के हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी।
उधर लोकसभा के बाद इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी विपक्ष का हंगामा जारी है। गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि इस प्रकार का बयान देकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर सवाल उठाए गए हैं। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को माफी मांगनी चाहिए।
पूर्व पीएम मनमोहन मिले उपराष्ट्रपति से
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिल कर PM मोदी के बयान की शिकायत की।इस मुद्दे पर राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू से मुलाकात की है। उन्होंने । वहीं वेंकैया नायडू ने भी विपक्ष को बताया कि सरकार की तरफ से भी मणिशंकर अय्यर के बयान को लेकर शिकायत की गई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार है।
इससे पहले शीतकालीन सत्र की शुरुआत हंगामेदार ही रही। राज्यसभा में जेडीयू नेता शरद यादव और अली अनवर की सदस्यता रद्द होने पर विपक्ष ने हंगामा किया। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि महागठबंधन की बैठक में था, हमने तय किया था कि नीतीश कुमार ही हमारे सीएम चेहरा होंगे। और वोट महागठबंधन के नाम पर मांगे जाएंगे. नीतीश कुमार ने वोट महागठबंधन के नाम पर मांगा और गठबंधन को तोड़कर चले गए।
कब तक चलेगा सदन
15 दिसंबर से 5 जनवरी तक चलने वाला यह सत्र मात्र 22 दिनों का होगा। जिसमें अगर छुट्टियों को हटा दें तो संसद सिर्फ 14 दिनों तक ही चलेगा। गुरुवार को जब शीतकालीन सत्र से पहले बुलाए जाने वाली सर्वदलीय बैठक हुई तो विपक्ष ने अपना इरादा साफ कर दिया। इसलिए हंगामे के आसार ज्यादा हैं और कम काम होने के आसार ज्यादा है।
कौन कौन से बिल हैं जरूरी
सदन की कार्यवाही में सरकार की प्राथिमिकता होगी कि कुछ अहम विधेयकों को पास कराया जाय।तोंवहीं दूसरी तरफ विपक्ष की रणनीति सरकार को घेरने की रहेगी। इस सत्र में सरकार कुल 14 बिल पेश कर सकती है, इनमें सबसे बड़ा नाम है तीन तलाक को लेकर पेश किए जाने वाले बिल का है।