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RTE के तहत नियुक्त किए गए टीचर्स 2019 तक कर लें B.Ed : केंद्र सरकार

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Published on: 2 Aug 2017 5:54 AM GMT
RTE के तहत नियुक्त किए गए टीचर्स 2019 तक कर लें B.Ed : केंद्र सरकार
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नई दिल्ली: राइट टू एजुकेशन कानून के तहत अप्वाइंट किए गए 11 लाख टीचर्स से केंद्र सरकार का कहना है कि वे 2019 तक बीएड (Bachelor of Education) कर लें। मंगलवार को राज्यसभा में राइट ऑफ चिल्ड्रन टू फ्री एंड कम्पलसरी एजुकेशन (संशोधन) कानून 2017 पर बहस हुई। जिसे बाद में सदन ने पास कर दिया। जबकि लोकसभा इसे 22 जुलाई को पास कर चुकी है।

क्या है पूरा मामला

-राइट टू एजुकेशन कानून 2010 में लाया गया था। लेकिन तब योग्य टीचर्स की कमी थी। जिसके चलते सरकार ने बिना B.Ed किए टीचर्स को भी नियुक्त कर लिया था। साथ ही इनसे यह भी कहा गया था कि वे किसी भी हाल में पांच साल के अंदर (2015 तक) मिनिमम क्वॉलिफिकेशन यानी B.Ed कर लें।

-पर अब सरकार ने साफ कर दिया है कि देश में अभी भी करीब 11 लाख टीचर्स ऐसे हैं, जिन्होंने B.Ed नहीं किया है। नए कानून के अनुसार, इन टीचर्स को दो साल के अंदर यानी 2019 तक B.Ed करना होगा। साथ ही सरकार ने टीचर्स को इसमें मदद की भी बात कही है। इससे टीचर्स की नौकरी भी बच जाएगी।

- HRD मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में इस बिल पर विस्तार से जानकारी दी।

सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

- जावड़ेकर के अनुसार, प्राइवेट स्कूलों में 7 लाख टीचर्स ऐसे हैं, जिनके पास बेसिक क्वॉलिफिकेशन नहीं है। एक साल की ट्रेनिंग वाले 1.5 लाख टीचर्स हैं। ऐसे ही 2.5 लाख टीचर्स सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं।

- उन्होंने कहा- कुल 11 लाख टीचर्स ऐसे हैं, जिनके पास उचित योग्यता ही नहीं है। सरकार का मकसद इन टीचर्स को B.Ed और दूसरे प्रोफेशनल कोर्स कराना है, ताकि शैक्षिक स्तर को सुधारा जा सके।

टीचर्स के लिए आई नई स्कीम

- सरकार 'स्वयं प्लैटफॉर्म' और 'स्वयं प्रभा' योजना ला रही है। जो कि 2 अक्टूबर से शुरू होंगी। इसके लिए 15 अगस्त से 15 सितंबर के बीच रजिस्ट्रेशन कराए जा सकते हैं।

- आगे उन्होंने कहा- सबकी हेल्प से हम 11 लाख टीचर्स को 2 साल में प्रशिक्षित करेंगे। इसके लिए फूलप्रूफ सिस्टम बनाया गया है।

- स्वयं प्रभा योजना में टीचर्स को ऑन और ऑफ लाइन दोनों तरह से ट्रेनिंग दी जाएगी। इसे डायरेक्ट टू होम यानी DTH की जरिए भी हासिल की जा सकेगी। इसकी रजिस्ट्रेशन फीस काफी कम होगी। सीडी के जरिए सिलेबस दिया जाएगा। 12 दिन का फेस टू फेस प्रोग्राम भी इसका पार्ट होगा।

- साथ ही 4 साल चाल के इंटिग्रेटेड टीचर्स ट्रेनिंग कोर्स पर भी सरकार विचार कर रही है। इसे जल्द लॉन्च किया जा सकता है।

आगे की स्लाइड में जानिए और क्या बोले प्रकाश जावड़ेकर

और क्या बोले प्रकाश जावड़ेकर

-उन्होंने कहा कि सांसदों को अपने क्षेत्रों के स्कूलों में निरीक्षण करना चाहिए। इलेक्शन ड्यूटी और जनगणना के अलावा टीचर्स से और कोई काम नहीं कराया जाएगा। फाइव डे वीक का फैसला केंद्र नहीं, राज्य सरकारें ले सकती हैं।

अन्य सांसदों का यह है कहना

- बीजेपी के विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा- पिछली सरकार ने राइट टू एजुकेशन कानून सही तरीके से लागू ही नहीं किया।

कांग्रेस के शमशेर सिंह ढिल्लो ने कहा- प्राइवेट और सरकारी स्कूलों का फर्क हर दिन बढ़ रहा है। लोगों का सरकारी स्कूलों पर यकीन कम हो रहा है।

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