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सुप्रीम फटकार -आपके लिए महत्वपूर्ण क्या लोगों की जिंदगी या इंडस्ट्रीज
नई दिल्ली : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, देश के लोगों की जिंदगी इंडस्ट्रीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है। वर्ष 1985 में एमसी मेहता की ओर से याचिका दाखिल कर दिल्ली में वायु प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग की गई थी इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है।
कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि स्टडी किए बिना ही क्या पेट कोक आयात की इजाजत दे दी गई थी?
जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की से कहा आप पेट कोक को इजाजत देने में काफी जल्दी में लगते हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप क्या कर रहे हैं? लोग शहर में प्रदूषण के कारण मर रहे हैं। आपको पता भी नहीं है कि रिपोर्ट सही है या नहीं?
कोर्ट ने कहा कि हम एक बात साफ करना चाहते हैं कि देश की जनता इंडस्ट्रीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
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कोर्ट सलाहकार अपराजिता ने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम ऐंड नेचरल गैस ने भी पेट कोक के बैन को सही ठहराया है।
कोर्ट कोर्ट ने कहा वन और पर्यावरण मंत्रालय पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण प्राधिकरण के साथ मीटिंग करे और बताए कि एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट क्या है।