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पीएम ने कहा- बदलते समय में सरकार के बिना कमी महसूस हो, सरकार के रहते नहीं
नई दिल्ली: पीएम मोदी ने शुक्रवार को सिविल सेवा दिवस के दिन उत्कृष्ट कार्यों के लिए लोकसेवकों को सम्मानित किया। इस खास मौके पर उन्होंने कहा कि आज के दौर में अफसरों की जिम्मेदारियां और चुनौतियां बढ़ गई हैं। मुझे अफसरों की जिम्मेदारियों का पता है। अगर आप काम करने का तरीका बदलेंगे तो चुनौतियां अवसर में बदल जाएंगी। सिविल सर्विस की सबसे बड़ी ताकत को खोने नहीं देना चाहिए। अफसरों की सबसे बड़ी ताकत अनामिका है. जो कि अफसर की सोच और उसके विजन को दर्शाती है।
पत्थर भी खाते हैं फौजी: मोदी
पीएम ने कहा कि हमारे फौजी कश्मीर में बाढ़ आने पर लोगों की जान बचाते हैं। लोग उनके लिए तालियां बजाते हैं. लेकिन बाद में हमारे फौजी पत्थर भी खाते हैं। सभी को आत्मचिंतन करना चाहिए। 20 साल पहले और आज के हालात में काफी अंतर है। अफसरों को शक्ति का एहसास होना चाहिए।
जानता हूं सोशल मीडिया की ताकत: मोदी
मोदी ने कहा कि वो सोशल मीडिया की ताकत को जानते हैं। सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जागरूक किया जा सकता है। जिला लेवल के अफसर भी इसका फायदा उठा सकते हैं। काम के दौरान सोशल मीडिया पर खुद का प्रचार जरूरी नहीं है। इसका इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए करना चाहिए।
और क्या बोले पीएम मोदी ?
-15-20 साल पहले सिर्फ हम थे। ऐसे में कमियां नजरअंदाज करने की आदत बन जाती है।
-सरकार में बैठे लोगों की जिम्मेदारी पहले से ज्यादा बढ़ गई है।
-काम बोझ नहीं बढ़ा है, चुनौतियां बढ़ी हैं। कोई भी व्यवस्था स्पर्धा में होनी ही चाहिए।
-अब लोग प्राइवेट अस्पताल से सरकारी अस्पताल की तुलना करते हैं।
-अच्छा ये होगा कि जितना जल्दी हम अपनी कार्यशैली बदलेंगे, तो ये चुनौती अवसर में बदल जाएगी।
'सरकार के रहते न महसूस हो कमी'
-बदलते समय में सरकार के बिना कमी महसूस हो, लेकिन सरकार के रहते कमी महसूस न हो।
-ये व्यवस्था तब बनेगी जब हम चीजों को उस तरीके से देखना शुरू करेंगे।
-क्वांटम जम्प तो हुआ है, हम इसका स्वागत करते हैं। मेरे सामने रिपोर्ट आई तो मेरा दिमाग और चलने लगा।
-ये कॉम्पिटीशन का दौर है, चुनौतियां बड़ी हैं। सबसे मेधावी लोग आईएएस बनते हैं काम भी उसी हिसाब से होना चाहिए।
-आपने देखा होगा गृहणी की योग्यता पर कभी गौर नहीं किया जाता, लेकिन जब परिवार का मुखिया अचानक छिन जाता है तो दिखाई पड़ता है कि गृहणी घर संभालना शुरू कर देती है।
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