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अब लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे केंद्रीय मंत्री-अफसर, सिर्फ 5 लोग ही लगा पाएंगे
नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार (19 अप्रैल) को वीवीआईपी कल्चर को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मोदी कैबिनेट ने आज लाल बत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला ले लिया। यह फैसला एक मई से लागू होगा। उल्लेखनीय है कि यह रोक केंद्रीय मंत्रियों और अफसरों पर लागू होगी। बता दें, कि लंबे समय से सड़क परिवहन मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा था। लेकिन अभी यह साफ नहीं है, कि क्या यह फैसला राज्य सरकारों पर भी लागू होगा।
आने वाले 1 मई से अब सिर्फ 5 लोग ही लाल बत्ती का इस्तेमाल कर पाएंगे। अब सिर्फ राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश और लोकसभा स्पीकर ही लाल बत्ती का इस्तेमाल कर सकेंगे।
पीएमओ में डेढ़ साल से लंबित था मामला
इससे पहले, प्रधानमंत्री ऑफिस (पीएमओ) ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई थी। यह मामला पीएमओ में लगभग डेढ़ साल से लंबित था। इस दौरान पीएमओ ने पूरे मामले पर कैबिनेट सेक्रटरी सहित कई बड़े अधिकारियों से चर्चा की थी। सड़क परिवहन मंत्रालय ने लाल बत्ती वाली गाड़ियों के इस्तेमाल के मुद्दे पर कई वरिष्ठ मंत्रियों से चर्चा की।
मंत्रालय ने दिए थे कई विकल्प
मंत्रालय ने चर्चा के बाद पीएमओ को कई विकल्प दिए थे। इन विकल्पों में एक यह था कि लाल बत्तियों वाली गाड़ी का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद किया जाए। दूसरा विकल्प यह कि संवैधानिक पदों पर बैठे 5 लोगों को ही इसके इस्तेमाल का अधिकार हो। इन 5 में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा स्पीकर शामिल हैं। माना जा रहा है कि दूसरे विकल्प को मंजूरी दी गई है।
कैबिनेट के दौरान कई अन्य फैसले भी लिए गए हैं। कैबिनेट ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए VVPAT मशीनें खरीदने मंजूरी दे दी है। बैठक के बाद अरुण जेटली ने बताया कि चुनाव आयोग ने VVPAT से जुड़े मुद्दे पर केंद्र सरकार के सामने प्रस्ताव रखा था जिसे मंजूरी दे दी गई है।