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पढ़ेगा इंडिया, तभी तो बढ़ेगा इंडिया, PM मोदी बोले- गिफ्ट में 'बुके' नहीं 'बुक' दें
पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केरल में पी.एन.पनिकर नेशनल रीडिंग डे का उद्घाटन करते हुए कहा कि उपहार में बुके नहीं बुक देने की परंपरा शुरू हो।
कोच्चि: पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार (17 जून) को लोगों से 'शुभकामनास्वरूप बुके (पुष्प गुच्छ) देने के बजाए पुस्तक (बुक) भेंट करने' की अपील की और कहा कि पढ़ने से ज्यादा आनंद किसी और काम में नहीं आता और ज्ञान से बड़ी कोई ताकत नहीं है।
केरल के कोच्चि में पी.एन.पनिकर नेशनल रीडिंग डे समारोह के उद्घाटन के मौके पर मोदी ने कहा कि उच्च साक्षरता दर की उपलब्धि के मामले में यह राज्य पूरे देश का प्रेरणास्रोत है।
उन्होंने कहा, "साक्षरता के क्षेत्र में केरल ने पूरे देश को राह दिखाई है और प्रेरणास्रोत रहा है।" साथ ही उन्होंने युवाओं से पढ़ने का संकल्प लेने की अपील की।
मोदी ने कहा, "हम सब मिलकर एक बार फिर भारत को विद्वता और ज्ञान की धरती बना सकते हैं।" उन्होंने कहा, "मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे शुभकामनास्वरूप पुष्प गुच्छ देने के बजाय पुस्तक भेंट करें। इस तरह का कदम बड़ा बदलाव ला सकता है।"
पीएम ने कहा, "मैं चाहूंगा कि इस तरह का पठन और पुस्तकालय आंदोलन पूरे देश में हो। आंदोलन का उद्देश लोगों को साक्षर बनाने तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। उसे सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाने के वास्तविक लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास करना चाहिए।"
पीएम ने कहा कि उपनिषद के वक्त से ही ज्ञानी लोगों का जीवन भर सम्मान होता आया है। उन्होंने कहा, "हम इस वक्त सूचना के युग में हैं। यहां तक कि आज भी ज्ञान ही मार्ग दिखा रहा है।"
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मोदी ने कहा, "मैं लोगों की ताकत में यकीन रखता हूं और इस तरह के प्रतिबद्ध सामाजिक आंदोलन में बड़ी उम्मीद देखता हूं। उनमें एक बेहतर समाज और राष्ट्र निर्माण की क्षमता है।"
पीएम ने संबोधन में कहा कि पढ़ना और ज्ञान का संबंध सिर्फ काम-काज तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। इसके जरिये सामाजिक जिम्मेदारी, देश और मानवता की सेवा की आदतों के विकास में मदद करनी चाहिए।
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यह समाज और राष्ट्र में बुराइयों का इलाज करने का कारगर तरीका साबित हो सकता है। और पढ़ने से इंसान की सोच का दायरा भी बढ़ता है।
पीएम ने कहा, "कहा जाता है कि एक साक्षर महिला दो परिवारों को शिक्षित बना सकती है और मैं कह सकता हूं कि एक महिला दो पीढ़ियों को शिक्षित कर सकती है।"
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पीएम ने कहा, "साक्षरता के क्षेत्र में केरल देश का अगुआ और प्रेरणा रहा है।" उन्होंने युवाओं से पढ़ने का संकल्प लेने की अपील की। मोदी ने कहा कि पनिकर केरल में लाइब्रेरी नेटवर्क के पीछे प्रेरक बल रहे हैं। पनिकर को केरल में लाइब्रेरी आंदोलन का जनक माना जाता है।
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