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हिंदी का मोह छोड़ गुजराती में बोले मोदी, ...ऐसे कनेक्ट किया 'अपनों' से
विनोद कपूर
लखनऊ: पीएम नरेंद्र मोदी अपने राज्य गुजरात में सोमवार (27 नवंबर) को पूरे रंग में दिखे। विधानसभा चुनाव प्रचार में आए मोदी ने बहुत दिन बाद गुजराती में अपनी बात रखी। कहा, 'लोग मुझ पर कीचड़ उछालने के लिए बड़ी मेहनत कर रहे हैं। मैं ऐसे लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं। भुज में आकर यहां लोगों से मिले प्यार से अभीभूत हूं। इस प्यार ने पुराने दिनों की याद दिला दी।'
मोदी ने लोगों से खुद को यह कहकर जोड़ा कि 'गुजरात मेरी आत्मा और भारत मेरे लिए परमात्मा' है। कोई उनकी आत्मा और परमात्मा पर दाग लगाने की कोशिश करे इसे गुजराती कभी सहन नहीं करेंगे।
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...तो इसलिए आए पुराने रंग में
हाल के महीने में गुजरात आए मोदी अक्सर हिंदी में ही अपनी बात रखते रहे हैं। शायद उनके मन में अपनी बात नेशनल मीडिया के जरिए पूरे देश में पहुंचाने की रही होगी। लेकिन गुजरात के लोग इससे कनेक्ट नहीं हो रहे थे। लोग कितने भी पढ़े-लिखे हों, लेकिन जब कोई उनकी भाषा में बात करता है तो उसे सबसे ज्यादा खुशी होती है। वह उससे अपेक्षाकृत जल्दी जुड़ जाता है। यह बात नरेंद्र मोदी की समझ में आ गई कि उनकी बात से गुजराती उस तरह से नहीं जुड़ पा रहे हैं जिनता पहले जुड़ते थे। इसलिए वो जल्द ही अपने पुराने रंग में आ गए।
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फिर लगे 'मोदी-मोदी' के नारे
गुजरात के लोग केंद्र सरकार के कुछ फैसले से नाराज चल रहे थे लेकिन उन्हें भरोसा था कि नरेंद्र मोदी जब आएंगे तो सब ठीक हो जाएगा। इसीलिए सोमवार को जब पीएम ने गुजराती में भाषण शुरू किया तो 2014 के लोकसभा चुनाव के भाषण में जिस तरह 'मोदी-मोदी' के नारे लगते थे वो लगने लगे। मोदी गुजरात के सभी जिलों में जाएंगे और अपनी बात रखेंगे ।