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मोदी ने पढ़ाया सियासत का ढाई अक्षर, भोजपुरी में शुरू किया भाषण

sudhanshu
Published on: 28 Jun 2018 3:57 PM IST
मोदी ने पढ़ाया सियासत का ढाई अक्षर, भोजपुरी में शुरू किया भाषण
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गोरखपुर: पीएम नरेंद्र मोदी गुरूवार को कबीर की मगहर स्थित मजार पर चादर चढ़ाकर बुनकरों को साधते तो वहीं भोजपुरी में भाषण देकर जनता से सीधा संवाद करते नजर आए। हालांकि बुधवार की बारिश के चलते सभास्थल पर जगह-जगह कीचड़ से लोगों को पंडाल तक पहुँचने में काफी दिक्कत हुई। खराब मौसम का ही नतीजा था कि सुबह 9 बजे तक बमुश्किल 5 फीसदी कुर्सियां ही भरी जा सकी थीं।

लेकिन मगहर पहुँच कर मोदी ने कबीर पंथियो के विवाद को दरकिनार कर कबीर मठ के महंत विचारदास से पूरी आत्मीयता से संवाद कायम किया। मोदी सबसे पहले संत कबीर की समाधि पर पहुँचे। चंद मिनटों के संवाद के बाद वह कबीर के मज़ार पर गए। कबीर गुफा में पहुँच कर मोदी ने उनके जीवन के बारे में विचारदास से विस्तार से चर्चा की। इसके बाद मोदी 24 करोड़ की लागत से प्रस्तावित कबीर अकादमी का शिलान्यास किया। पर्यटन सचिव अविनाश अवस्थी ने मोदी को अकादमी की डिज़ाइन को लेकर विस्तार से बताया।

पीएम मोदी के साथ मंच पर नौ लोगों की मौजूदगी रही। खलीलाबाद संसद शरद त्रिपाठी, प्रदेश संस्कृति मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला, मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ, केन्द्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र पांडेय, मंत्री रीता जोशी बहुगुणा और मुख्य सचिव राजीव कुमार की उपस्थिति रही।

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दोहराया सबका साथ सबका विकास का नारा

मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने भी मगहर से कबीर के बहाने सियासत का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 500 साल पहले कबीर ने देश मे व्‍याप्त रूढ़ियों के खिलाफ आवाज उठाई थी। पीएम मोदी ने भी इसी संदेश को यह कहते हुए आगे बढ़ाया कि सबका साथ, सबका विकास ही मूल मंत्र है। आज देश के अंदर विकास का माहौल है। देश की आर्थिक स्थिति सुधरी है, लोगों को आवास का सपना सरकार पूरा कर रही है। महिलाओं की सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर अभियान को सरकार ने संजीदगी से आगे बढ़ाया है। 72 लाख लोगों द्वारा वयक्तिगत शौचालय बनाया गया है। ऐम्स, फर्टिलाइज़र, बीआरडी को उच्चीकृत करने की योजना चल रही है। पिछली सरकार चीनी मिल बेंचती थी, हम उसे चलाकर लोगों को रोजगार दे रहे हैं। पहली बार ऐसा हुआ कि एक मंत्री के खिलाफ भी भ्रष्‍टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है। केंद्रीय सरकार की मदद से रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए पीएम मोदी मगहर आये हैं। जबतक जाति और भाषा के नाम पर समाज को तोड़ने वालों को दरकिनार नहीं किया जाएगा देश तरक्की नहीं कर सकता है। प्रदेश सरकार गांव, गरीब के लिए काम कर रही है। पीएम मोदी ने 8000 करोड़ का पैकेज गन्ना किसानों के लिए दिया है।

मोदी के कार्यक्रम के एक दिन पहले मंच पर बैठने वाले अतिथियों के नाम को लेकर विवाद हो गया। चर्चा फैली की मंच पर बैठने वाले अतिथियों में कबीर मठ के महंत विचार दास का नाम नहीं है। जिसके चलते जम्मू से कबीरपंथियों को लेकर आने वाली स्पेशल ट्रेन को भी ऐन मौके पर निरस्त कर दिया गया। जिसे लेकर गुरुवार तक उहापोह की स्थिति बनी रही।

पीएम ने भोजपुर में किया अभिवादन

केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने सियासी अंदाज में कहा कि कबीर ने मानवता का संदेश दिया, यही संदेश आज पीएम मोदी दे रहे है। देश धर्म, जाति और बिरादरी से ऊपर उठे यह संदेश प्रधानमंत्री का है।

पीएम मोदी ने 11.51 बजे माइक संभाल उसके बाद पूरा मंच गूंज उठा। भोजपूरी में संबोधन शुरू करते हुए पीएम ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हई कि हमे यहाँ आवे क मौका मिलल। यहाँ आके नीक लागतब। हम आपसब के पाव लागत बानी। पीएम ने संसद सदस्‍य शरद त्रिपाठी को पूरा सम्मान दिया। मोदी ने कहा कि कबीर की दर पर आकर संतोष की अनुभूति हो रही है। तीर्थस्थल पर आने की मनोकामना पूरी हो गई। उस गुफा को देखा जहाँ कबीर साधना करते थे। मगहर में कबीर ने नानक और गोरखनाथ से चर्चा की थी। आज से अमरनाथ यात्रा भी शुरू हो रही है। कबीर की बैद्धिक संपदा का लाभ सभी को मिलेगा।

पीएम ने पढ़े कबीर के दोहे

संत कबीर का दोहा पढ़कर मोदी कहते हैं, संत का साथ हमें पुण्य देता है। कबीर अकादमी में उनके विचार को संजोया जाएंगा। आर्ट गैलरी के साथ शोध भी यहाँ होंगे। कबीर का सारा जीवन सत्य की खोज और असत्य के खंडन में बिता। कबीर अपने कर्म से बंदनीय हो गए। कबीर धूल से मांथे का चंदन बन गए। विचार बनकर आये और व्‍यवहार बनकर अमर हो गए। मगहर को उन्होंने सबसे पवित्र बताया था। काशी और मगहर के भेद को उन्होंने दूर किया। कबीर भारत की आत्मा का दीप और सार कहे जा सकते हैं। उन्‍होंने जाति पाति के भेद को तोड़ा। सबकी एक जाति का संदेश दिया। वह सबके थे इसलिए सब उनके हो गए। उन्होंने न काहू से दोस्ती की बात कहकर उन्होंने जीवन के गहन रहस्य को बताया। अपने को सुधारों तो हरि मिल जायेगे। गुरु के ज्ञान के दीपक से अंधकार मिटता है यह संदेश कबीर ने ही दिया। सैकडों साल की गुलामी के बाद देश की संस्कृति कबीर जैसे संतों के चलते बची रही। कुरीतियों के खिलाफ देश के हर कोने में संतों का जन्म हुआ। उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम में संतों के संदेश के चलते भारत संकट से निकलता रहा। संत रामानुज ने कबीर को रामनाम की राह दिखाई। मोदी ने कहा, कबीर के बाद रैदास आये। गांधी और अम्बेडकर ने अपने अपने तरीके से संदेश दिया। आज अम्बेडकर जैसे लोगों के नाम पर राजनीति कर रहे है। पार्टियां रंग और जाति की राजनीति करते है। इन्हें नहीं मालूम देश का मूल स्वभाव क्या है। ढाई अक्षर प्रेम का संदेश देने वाले कबीर से नेताओं का सरोकार नहीं है। यहाँ के नेताओं के बंगले की चाह है। पिछली सरकार आवास को लेकर बेपरवाही थी। उन्हें अपने बंगले में रुचि थी गरीबों के आवास पर नहीं। योगी सरकार में गरीबों को आवास दिया है। पार्टियों का नाम लिए बैगर मोदी ने सपा और बसपा पर निशाना साधा। मोदी बोले, आपातकाल लगाने और उसका विरोध करने वाले कुर्सी के लिए एक साथ आ रहे है। ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है। मोदी ने तीन तलाक का मुद्दा उछालते हुए विरोधियों पर बिल पर रोड़े लटकाने का आरोप लगाया। कबीर ने कहा था कि बादशाह लोगों की दुख दूर करने वाला होना चाहिए। लेकिन यहाँ कुछ परिवार कबीर के बातों और संदेशों को नकारने में लगे हुए है। बंचितो को शक्ति देकर वह उन्हें बलशाली बनाना चाहते थे। गरीबी हटाने के नाम पर पार्टियां वोटरों को खुद का आश्रित करती थीं। हमारी सरकार महिलाओं, नौजवानों और किसानों को योजनाओं से आत्मनिर्भर बनाने की कवायद में जुटी है। मोदी ने कहा, गरीब आत्मसमान से जिये ये सरकार की प्राथमिकता है। सड़क और सुविधाओं को गांव तक पहुँचाया जा रहा है। मगहर की तरह पूर्वांचल की सरकारों ने उपेक्षा की है। पूर्वांचल के एक एक इंच धरती को विकसित किया जाएगा। एपीजे अब्दुल कलाम के सपने के मगहर को सरकार विकसित करेगी। मोदी ने कहा, कबीर की वाणी हमारे लिए पथ दिखाने वाले है।

पीएम बोले- महापुरुषों के नाम पर समाज को तोड़ने की हो रही कोशिश

पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने संतकबीरनगर से विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि संतकबीर का पूरा जीवन ऊंच-नीच और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ संघर्ष करते गुजरा लेकिन विपक्ष ने उनके दर्शन को न पढ़ा न कभी समझा। कबीर, संतरविदास सहित दक्षिण और उत्‍तर भारत के कई महापुरुषों से शुरू करके पीएम ने डा.भीमराव अम्‍बेडकर का उल्‍लेख करते हुए कहा कि इन सबने अपने समय में समाज को दिशा देने की कोशिश की लेकिन आज सत्‍ता चाहने वाली ताकतें इन्‍हीं महापुरुषों के नाम पर समाज को तोड़ने की साजिश कर रही हैं। उन्‍होंने कहा कि ऐसी ताकतों को दरअसल मालूम ही नहीं कि इस देश का मूल स्‍वभाव क्‍या है।

पिछली सरकार को बंगलों की चिंता

पीएम ने अपने भाषण में किसी का नाम लिए बगैर कहा कि यूपी की पिछली सरकार को गरीबों, दतिलों, शोषितों की नहीं अपने बंगले की चिंता थी। इसका उदाहरण यह है कि केंद्र सरकार ने गरीबों की आवास योजना के लिए उन्‍हें बार-बार पत्र लिखे, फोन किए लेकिन राज्‍य सरकार ने यह तक नहीं बताया कि कितने आवास बनने हैं। पीएम ने यूपी सरकार की तारीफ की और कहा कि नई सरकार बनने के बाद यूपी में रिकार्ड गति से आवासों का निर्माण हो रहा है।

आपातकाल लगाने और विरोध करने वाले एक हुए

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और सपा-बसपा के बीच हो रही गठबंधन की कोशिशों पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्‍ता का लालच ऐसा है कि एक समय में आपातकाल लागू करने वाले और उसका विरोध करने वाले आज कंधे से कंधा मिलाकर कुर्सी झपटने की कोशिश में हैं। लेकिन जनता को गरीबों को धोखा देकर सिर्फ अपनी और अपने रिश्‍तेदारों की करोड़ों-अरबों की कमाई कराने वालों से सतर्क रहना चाहिए।

मनुष्‍य-मनुष्‍य में भेद स्‍वीकार नहीं

पीएम ने कहा कि संतकबीर ने मनुष्‍य-मनुष्‍य में भेद के खिलाफ आवाज उठाई। कहा कि शासक वही है जो जनता के दर्द को समझे। रुढि़यों पर प्रहार किया। वह श्रमजीवी थे और मांगने को मरण से बढ़कर मानते थे लेकिन आजादी के बाद देश में हमेशा से गरीबों को आश्रित बनाकर रखने की कोशिश की गई। पिछले चार साल में उनकी सरकार ने इस रीति-नीति को बदला है। उन्‍होंने अपनी सरकार की उज्‍जवला रसोई गैस, सुरक्षा बीमा कवच, शौचालय, बैंक खातों में सीधा पैसा ट्रांसफर करने, आयुष्‍मान भारत सहित तमाम योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि ये योजनाएं संतकबीर के दर्शन का ही प्रतिबिम्‍ब हैं।

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