TRENDING TAGS :
Video: इजराइल से आया 'दोस्त', PM मोदी ने गले लगाकर किया स्वागत
नई दिल्ली: इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू आज (14 जनवरी) छह दिवसीय भारत दौरे पर दिल्ली पहुंच चुके हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे खास बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ नेतन्याहू और उनकी पत्नी की अगवानी के लिए एयरपोर्ट पहुंचे हैं।
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, कृषि, जल संरक्षण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और आंतरिक सुरक्षा सहित कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी। पीएम मोदी के कार्यकाल में इजरायल के प्रधानमंत्री का यह पहला भारत दौरा है।
ये भी पढ़ें ...बेंजामिन नेतन्याहू ने साथ लाए कई तोहफे, तो ‘दोस्त’ के लिए खास गिफ्ट
बता दें, कि नेतन्याहू के इस दौरे से पहले इजरायल के तत्कालीन पीएम एरियल शेरॉन 2003 में भारत दौरे पर आए थे। पीएम मोदी के पिछले साल हुए इजरायल दौरे के दौरान नेतन्याहू ने उनका भव्य स्वागत किया था। अधिकारियों के मुताबिक, उस वक़्त मोदी का स्वागत पोप या अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वागत जैसा था।
ये भी पढ़ें ...बेंजामिन नेतन्याहू के साथ ‘मोशे’ आ रहे इंडिया, खास है यात्रा
हाइफा युद्ध में शामिल भारतीय रेजिमेंट को किया याद
इसके बाद, पीएम मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू दिल्ली में सबसे पहले तीन मूर्ति स्मारक पहुंचे। यहां दोनों प्रधानमंत्री करीब 100 साल पहले हुए हाइफा युद्ध में लड़ी तीन भारतीय रेजिमेंट की याद में पुष्प अर्पित किया। आज से ही तीन मूर्ति हाइफा चौक और तीन मूर्ति मार्ग का नया नाम तीन मूर्ति हाइफा मार्ग औपचारिक रूप से हो जाएगा।
हाइफा युद्ध में दिखा था भारतीय जांबांजों का योगदान
उल्लेखनीय है, कि भारत के तीन राज्यों जोधपुर, हैदराबाद और मैसूर से सैनिकों को मुस्लिम तुर्कों से फिलिस्तीनी लोगों की मुक्ति के लिए भेजा गया था। भारतीय रेजिमेंट ने हाइफा को संयुक्त शक्तियों से जीत लिया था। इस लड़ाई में 44 भारतीय जवान शहीद हुए थे। हाइफा युद्ध में शामिल इन्हीं सैनिकों की याद में दिल्ली में तीन मूर्ति चौक का नाम रखा गया था।
रात में स्पेशल डिनर
नेतन्याहू की पहली आधिकारिक मुलाकात भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ होगी। आज रात पीएम मोदी ने नेतन्याहू के लिए खास भोज (स्पेशल डिनर) का कार्यक्रम रखा है। इसे भारतीय प्रधानमंत्री ही होस्ट करेंगे। ज्ञात हो, कि पीएम मोदी के इजरायल दौरे के दौरान उनकी पसंद का खाना बनाने के लिए भारतीय मूल के शेफ को लगाया गया था।