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क्या PM मोदी ने यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी को बताया 'शल्य'?
लखनऊ: पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) के गोल्डन जुबली समारोह में केंद्र सरकार के आलोचकों पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान पीएम मोदी ने 'शल्य' का जिक्र बार-बार किया। हालांकि, पीएम ने खुलकर किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी बातों से साफ जान पड़ता था कि उनका निशाना अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा की ओर था।
पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा, कि 'शल्य' की प्रवृत्ति वाले लोग अर्थव्यवस्था की रफ्तार जरा सी धीमी होने पर ऐसे हंगामा मचाने लगे हैं, जैसे सब कुछ गड़बड़ हो चुका हो।'
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कौन था 'शल्य'?
दरअसल, पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में ही महाभारत के उस शल्य की कहानी सुनाई, जो कर्ण का सारथी था। शल्य का काम था लगातार निराशाजनक बातें कर कर्ण को हतोत्साहित करना। ताकि उसका मनोबल टूट जाए। मोदी ने कहा, कि 'शल्य सिर्फ एक व्यक्ति का नाम नहीं, बल्कि एक प्रवृत्ति का नाम है, जिनका हमेशा एक ही मकसद होता है निराशा का माहौल बनाना और यह कहना कि सब गड़बड़ हो रहा है।'
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'इसीलिए स्वच्छता अभियान चलाया है'
शल्य का उद्धरण देने के बाद पीएम मोदी ने एक के बाद एक सभी आरोपों का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कहा, कि 'कुछ लोग गंदगी फैलाने में लगे हैं। लिहाजा उनकी सरकार शुरू से ही स्वच्छता अभियान में लगी है।'
सिन्हा-शौरी ने किए कई हमले
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आर्थिक मोर्चे पर विफलता के लिए मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। इसके बाद अरुण शौरी ने भी प्रतिक्रिया देकर बीजेपी सरकार को परेशानी में डालने का काम किया था।
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मोदी सरकार को अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के आक्रामक रवैए ने बैकफुट पर ला दिया है। ऐसे में पीएम ने जब बुधवार को सरकार की तरफ से जवाब देना शुरू किया तो 'शल्य' का जिक्र कर उन्हें जवाब दिया।