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PM मोदी ने किया FB पोस्ट, लिखा-इस दौरे से करीब आएंगे भारतीय-इजरायली
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार (04 जुलाई) को इजरायल दौरे पर जा रहे हैं। इसके एक दिन पहले सोमवार को उन्होंने कहा, कि उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के लोग करीब आएंगे। मोदी ने अपने दौरे से पूर्व अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, कि 'मैं प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के निमंत्रण पर चार-छह जुलाई तक इजरायल के दौरे पर रहूंगा।'
पीएम मोदी ने कहा, 'इजरायल का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री के रूप में मैं इस अभूतपूर्व दौरे को लेकर अत्यंत उत्सुक हूं, जो दोनों देशों और दोनों देशों के लोगों को करीब लाएगा।' उन्होंने कहा, कि दोनों देश अपने कूटनीतिक संबंधों के 25 साल का जश्न मना रहे हैं।
इजरायली राष्ट्रपति से भी मिलेंगे
पीएम मोदी ने कहा कि 'हम हमारी साझेदारी के संपूर्ण पहलुओं पर और आपसी हित के लिए विभिन्न क्षेत्रों में इसे मजबूत करने को लेकर नेतन्याहू के साथ विस्तृत बातचीत करेंगे। हमारे पास आतंकवाद जैसी प्रमुख साझी चुनौतियों पर भी चर्चा का मौका होगा।' उन्होंने यह भी कहा, कि वह इजरायली राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन से मुलाकात करेंगे, जिन्होंने पिछले वर्ष नवंबर में भारत का दौरा किया था।
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भारतीय प्रवासियों से मिलने को उत्सुक
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि यह दौरान उन्हें इजरायली समाज के विभिन्न वर्गो के साथ आदान-प्रदान का एक अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा, 'मैं इजरायल में मौजूद खासतौर से विशाल भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करने को उत्सुक हूं, जो हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच एक स्थायी कड़ी हैं।'
मोदी ने कहा कि वह प्रमुख भारतीय और इजरायली सीईओ और स्टार्ट-अप्स से मिलेंगे। जमीनी स्तर पर कारोबार तथा निवेश साझेदारी बढ़ाने की अपनी साझी प्राथमिकताओं पर चर्चा करेंगे।
'याद याशेम स्मारक संग्रहालय भी जाऊंगा'
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'इसके अतिरिक्त मैं प्रमुख केंद्रों पर जाकर प्रौद्योगिकी एवं नवाचार में इजरायल की पूर्णता से ज्ञान हासिल करने की भी आशा रखता हूं। अपने प्रवास के दौरान मैं याद याशेम स्मारक संग्रहालय भी जाऊंगा और मानव इतिहास के भयानक त्रासदियों में गिने जाने वाले होलोकास्ट के पीड़ितों के प्रति सम्मान जाहिर करूंगा।'
भारतीय सैनिकों को भी देंगे श्रद्धांजलि
पीएम मोदी ने कहा, 'बाद में मैं उन साहसी भारतीय सैनिकों को भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा, जिन्होंने हाइफा की आजादी के दौरान 1918 में अपनी जिंदगियां कुर्बान कर दी थीं।'