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भारत छोड़ो आंदोलन: PM मोदी बोले- कानून तोड़ना स्वभाव की तरह बन गया

aman
By aman
Published on: 9 Aug 2017 8:09 AM GMT
भारत छोड़ो आंदोलन: PM मोदी बोले- कानून तोड़ना स्वभाव की तरह बन गया
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भारत छोड़ो आंदोलन पर बोले PM मोदी- कानून तोड़ना स्वभाव की तरह बन गया है

नई दिल्ली: भारत छोड़ो आंदोलन के बुधवार (09 अगस्त) को 75 वर्ष पूरे हो गए। इस मौके पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा हुई। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस आंदोलन पर लोकसभा में भाषण दिया। बता दें, कि 09 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने 'भारत छोड़ो आंदोलन' की शुरुआत की थी।

पीएम मोदी ने इस दौरान इस बात का जिक्र भी किया, कि 'आज देश के लोगों में कानून तोड़ना एक स्वभाव की तरह बन गया है।' पीएम बोले, 'अगर कोई रेड लाइट पार कर रहा है, तो उसे लगता ही नहीं है कि वह कानून तोड़ रहा है।'

युवा पीढ़ी समझे आंदोलन की महत्ता

पीएम मोदी ने लोकसभा में अपने सम्बोधन में कहा कि 'भारत छोड़ो आंदोलन ने नए तरह के नेतृत्व की शुरुआत की। लोगों ने इस आंदोलन में महात्मा गांधी को पूरा समर्थन दिया।' पीएम ने इस दौरान महात्मा गांधी का जिक्र किया और कहा, कि 'आज की युवा पीढ़ी इस आंदोलन जैसे एतिहासिक घटनाओं के बारे में जाने, यह अहम है।'

करेंगे या मरेंगे का नारा जज्बे से कम नहीं

पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, कि 'इस आंदोलन के जरिए महात्मा गांधी ने अंग्रेजों को साफ कर दिया था कि हम आजादी से कम किसी भी बात पर संतुष्ट नहीं होंगे। उन्होंने करेंगे या मरेंगे का नारा दिया। पीएम बोले, कि 'आंदोलन के समय महात्मा गांधी ने करेंगे या मरेंगे का जो नारा दिया था वह सभी के लिए एक जज्बे से कम नहीं था।'

आगे की स्लाइड में पढ़ें और क्या कहा पीएम मोदी ने ...

मां भारती आजाद हो जाती हैं...

अपने सम्बोधन में पीएम मोदी ने कहा, कि 'उस समय देश मुक्ति के लिए छटपटा रहा था। किसी की भावनाओं में अंतर नहीं था। देश जब उठ खड़ा होता है तो पांच वर्ष के अंदर बेड़ियां चूर-चूर हो जाती हैं। मां भारती आजाद हो जाती हैं।'

125 करोड़ लोगों का विश्वास जरूर है

पीएम मोदी ने इस आंदोलन को भारत की प्रबल इच्छाशक्ति का नतीजा बताया। उन्होंने कहा, कि जब हम निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में लग जाते हैं तो कुछ भी संभव है। पीएम मोदी ने कहा, 'भले ही आज हमारे पास गांधी का नेतृत्व नहीं है लेकिन 125 करोड़ लोगों का विश्वास जरूर है। इसी भरोसे के साथ यहां पहुंचे लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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