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मोदी ने अब 'PM' का बताया नया मतलब, प्रधानमंत्री नहीं 'पोषण मिशन'

aman
By aman
Published on: 8 March 2018 10:13 AM GMT
मोदी ने अब PM का बताया नया मतलब, प्रधानमंत्री नहीं पोषण मिशन
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मोदी ने अब 'PM' का बताया नया मतलब, प्रधानमंत्री नहीं 'पोषण मिशन'

झुंझनू: पीएम नरेंद्र मोदी शब्दों के अर्थ बनाने में माहिर माने जाते हैं। उन्होंनें गुरुवार (08 मार्च) को 'PM' का मतलब प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि 'पोषण मिशन' बताया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पीएम राजस्थान के झुंझनू में रैली को संबोधित कर रहे थे। रैली 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' की थीम पर आयोजित थी। पीएम के साथ सीएम वसुंधरा राजे व कई अन्य नेता भी मौजूद थे।

मोदी ने इससे पहले सुबह ट्विट कर महिला दिवस की बधाई दी थी और वीडियो भी जारी किए थे। संबोधन से पहले पीएम मोदी ने वहां मौजूद कई छोटी बच्चियों से बात की और महिलाओं से सीधा संवाद किया। उन्होंने महिलाओं के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले जिलों को सम्मानित भी किया।

'झुंझनू आने से नहीं रोक पाया'

मोदी ने कहा, कि 'आज पूरा देश झुंझनू के साथ जुड़ा है। मैं सोच-विचार कर झुंझनू आया हूं। झुंझनू जिले ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अभियान को शानदार तरीके से आगे बढ़ाया है। इसलिए मैं अपने आप को यहां आने से रोक नहीं पाया।' रैली में पीएम ने कहा कि मेरे विरोधी जितना भी मुझे भला-बुरा कहें उनकी मर्जी है बस ऐसा करें कि अगर पीएम बोले तो उसका मतलब नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री) नहीं पोषण मिशन होना चाहिए। इससे इस मिशन को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। हमें कुपोषण के खिलाफ जंग लड़नी होगी।

यहां नारी को पूजा जाता है, फिर ऐसा क्यों?

पीएम ने कहा, कि 'हमारे देश में नारी को पूजा जाता है लेकिन ऐसा क्या हुआ कि बेटी को बचाने के लिए हाथ पैर जोड़ने पड़ रहे हैं। सरकारों को बजट निकालना पड़ रहा है।' पीएम ने कहा, कि 'आज जब बालक और बालिकाओं के जन्म दर में अंतर दिखता है तो काफी दुख होता है। उन्होंने कहा, कि अब लोगों को तय करना होगा कि जितने बेटे पैदा होंगे, उतनी ही बेटियां पैदा होंगी। जितना बेटा पढ़ेगा तो उतनी ही बेटी भी पढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अगर घर में सास कह दे कि हमें बेटी चाहिए तो किसी की हिम्मत नहीं है कि बेटी को पैदा होने से रोक दे। बेटियों के जन्म के लिए जागरुकता फैलानी होगी।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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