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PMO ने गिनाए नोटबंदी के फायदे, कहा- ब्याज दर में आई करीब 1% तक कमी
नई दिल्ली: नोटबंदी की सालगिरह की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री कार्यालय यानि पीएमओ ने 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोट बंद करने के कई फायदे गिनाए। मंगलवार को पीएमओ ने कहा, कि' नोटबंदी के बाद बैंकों ने अपनी ब्याज दरों में करीब एक प्रतिशत तक कमी की है। सरकार ने पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के नोट बंद करने की घोषणा की और जिन लोगों के पास भी ये नोट थे उन्हें 30 दिसंबर 2016 तक बैंकों में जमा कराने को कहा था।'
नोटबंदी के बाद 1 जनवरी को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने आश्चर्यजनक रूप से धन की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.9 प्रतिशत कटौती की थी। इसके बाद अन्य बैंकों ने भी ऐसा ही किया। नोटबंदी के दिन 8 नवंबर 2016 को बंद किए गए नोटों की कुल राशि 15.44 लाख करोड़ रुपए थी। इनमें से 15.28 लाख करोड़ रुपए यानी 99 प्रतिशत पैसा बैंकों में पहुंच चुका है।
16,000 करोड़ बैंकिंग तंत्र से बाहर
इसके बाद अब करीब 16,000 करोड़ रुपए की राशि बैंकिंग तंत्र से बाहर रह चुकी है। पीएमओ द्वारा नोटबंदी के कई लाभ गिनाते हुए जारी किए गए ट्वीट में कहा गया, 'कर्ज सस्ता हुआ है, इस दौरान कर्ज पर ब्याज दर में करीब एक प्रतिशत की कमी आई है।'
आरबीआई ने की थी बैंकों की आलोचना
वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अक्टूबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरें ऊंची बनाए रखने के लिए बैंकों की कड़ी आलोचना की थी। केंद्रीय बैंक ने तब कर्ज की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर को लेकर भी चिंता जताई थी। उसने कहा था कि इनकी वजह से मौद्रिक लेन-देन में कोई सुधार नहीं देखा गया है।
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नोटबंदी से कम हुए रीयल ऐस्टेट के दाम
प्रधानमंत्री कार्यालय ने नोटबंदी के फायदों में यह भी कहा, कि इससे रीयल ऐस्टेट के दाम कम हुए हैं। इस दौरान देशभर में शहरी स्थानीय निकायों का राजस्व करीब तीन गुना तक बढ़ गया। नोटबंदी के दौरान उपभोक्ताओं को उनके बकाए का भुगतान बंद किए गए नोटों में करने की अनुमति दी गई। उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकायों का राजस्व चार गुना बढ़ गया, जबकि मध्य प्रदेश और गुजरात के निकायों का राजस्व करीब पांच गुना तक बढ़ गया।
50 प्रतिशत तक बढ़ा डिजिटल भुगतान
भुगतान के डिजिटल तरीके के बारे में पीएमओ ने कहा, कि 'अगस्त 2017 में डेबिट कार्ड के जरिए लेन-देन 50 प्रतिशत बढ़कर 26.55 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जबकि एक साल पहले इसी माह में यह 13.05 प्रतिशत ही बढ़ा था। डिजिटल भुगतान का मूल्य भी इस दौरान 48 प्रतिशत बढ़कर 35,413 करोड़ रुपए हो गया।'