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राष्ट्रपति की नसीहत, सत्ता में बैठे लोगों से सवाल ज़रूरी, वरना नाकाम है मीडिया

राष्ट्रपति ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है, क्योंकि यह अन्य तीनों स्तंभों-कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका को जवाबदेह और लोगों की राय को आकार प्रदान करता है।

zafar
Published on: 26 May 2017 3:12 AM IST
राष्ट्रपति की नसीहत, सत्ता में बैठे लोगों से सवाल ज़रूरी, वरना नाकाम है मीडिया
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नई दिल्ली, 25 मई (आईएएनएस)| मीडिया से 'कल्याणपरक पत्रकारिता' करने की बात करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि अगर प्रेस सत्ता में बैठे लोगों से सवाल पूछने में नाकाम रहा, तो वह अपने कर्तव्यों के निर्वहन में नाकाम होगा।

राष्ट्रीय राजधानी में द्वितीय रामनाथ गोयनका व्याख्यान देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मीडिया को कम से कम प्रतिरोध का रास्ता अख्तियार नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे किसी मुद्दे पर प्रभावशाली विचारधारा को प्रबल होने की मंजूरी मिल जाती है।

उन्होंने सोशल मीडिया द्वारा मुहैया कराई गई चुनौतियों तथा अवसरों तथा पारंपरिक मीडिया पर उसके प्रभाव का जिक्र किया। राष्ट्रपति ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है, क्योंकि यह अन्य तीनों स्तंभों-कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका को जवाबदेह और लोगों की राय को आकार प्रदान करता है।

उन्होंने कहा, "अगर प्रेस सत्ता में बैठे लोगों से सवाल पूछने में नाकाम रहा तो वह अपने कर्तव्यों के निर्वहन में नाकाम साबित होगा।" राष्ट्रपति ने कहा, "यह यथार्थता को सुनिश्चित करता है, जिससे लोगों को बेहतर सूचनाएं मिल सकती हैं।"

--आईएएनएस

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