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संसद के सेंट्रल हॉल में प्रणब मुखर्जी ने पढ़ा आखिरी भाषण, याद किया पुराने दिन
नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सांसदों की ओर से आज (23 जुलाई) विदाई दी जा रही है। संसद के सेंट्रल हॉल में विदाई कार्यक्रम जारी है। गौरतलब है कि वर्तमान राष्ट्रपति के कार्यकाल खत्म होने में अब सिर्फ दो दिन बचे हैं। नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को शपथ लेंगे।
राष्ट्रपति के विदाई कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने विदाई भाषण दे रही हैं। राष्ट्रपति को मेमेंटो के साथ सभी सांसदों के हस्ताक्षर वाली किताब भेंट की जाएगी। विदाई कार्यक्रम के बाद प्रणब मुखर्जी के सम्मान में एक चाय पार्टी होगी।
प्रणब मुखर्जी ने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी
राष्ट्रपति के विदाई समारोह में लोकसभा स्पीकर ने विदाई भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राजनीतिक करियर का बखान किया और उनकी उपलब्धियां गिनाईं। सुमित्रा महाजन ने कहा, कि 'प्रणब मुखर्जी ने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी। इसके बाद सुमित्रा महाजन ने राष्ट्रपति को विदाई भाषण की प्रति भेंट की।'
इसके बाद उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भी बताया कि कैसे प्रणब मुखर्जी ने संसद में रहने के दौरान वहां बहस के स्तर को उठाया।
वरिष्ठ सांसदों के भाषणों से सीख ली
इसके बाद विदाई भाषण देने आए प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा स्पीकर और उपराष्ट्रपति सहित सभी संसद सदस्यों का धन्यवाद किया। बोले, संसद ने मेरी राजनीतिक दृष्टि को दिशा दी। उन्होंने कहा वरिष्ठ सांसदों के भाषणों से सीख ली। कहा, देश की एकता संविधान का आधार है। इस दौरान प्रणब मुखर्जी ने इंदिरा गांधी के साथ किए काम को याद किया। लेकिन अपने भाषण में राष्ट्रपति मुखर्जी ने संसद में समय की बर्बादी का ख़ास तौर पर उल्लेख किया।
इंदिरा गांधी को खास तौर पर याद किया
राष्ट्रपति ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा, 'मैं 34 साल की उम्र में पहली बार सांसद के रूप में 22 जुलाई 1969 को राज्यसभा पहुंचा था। इस दौरान मुझे कई बड़ी राजनीतिक हस्तियों के साथ काम करने का मौका मिला।' उन्होंने अपने संसदीय कार्यकाल का जिक्र करते हुए पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह, लालकृष्ण आडवाणी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी याद किया। लेकिन इस दौरान उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को खास तौर पर याद किया।