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राष्ट्रपति की सिर्फ एक विचारधारा होनी चाहिए-संविधान के प्रति प्रतिबद्धता

Rishi
Published on: 4 July 2017 12:23 PM GMT
राष्ट्रपति की सिर्फ एक विचारधारा होनी चाहिए-संविधान के प्रति प्रतिबद्धता
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हैदराबाद : केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति चुनाव विचारधारा की लड़ाई नहीं है, जैसा कि कुछ विपक्षी दल इसे बता रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के सम्मान में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) द्वारा आयोजित बैठक में नायडू ने कहा कि संविधान के प्रति प्रतिबद्धता और प्रत्याशी की क्षमता राष्ट्रपति के चयन का आधार है।

कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रपति चुनाव को विचारधारा की लड़ाई बताए जाने को खारिज करते हुए नायडू ने कहा कि राष्ट्रपति की सिर्फ एक विचारधारा होनी चाहिए - संविधान के प्रति प्रतिबद्धता।

उन्होंने कहा कि 'अन्य किसी विचारधारा की कोई जगह नहीं है'।

नायडू ने कहा कि राष्ट्रपति को राजनीतिक फैसले लेने का अधिकार नहीं होता, बल्कि सिर्फ संवैधानिक प्रमुख और देश की सश सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर के रूप में काम करना होता है।

नायडू ने कहा, "विचारधारा का फैसला 2014 में ही हो गया था, जब देश की जनता ने भारी बहुमत से नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री चुना।"

उन्होंने कहा कि कुछ दल लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता की बात कर ध्यान बंटाने की कोशिश कर रहे हैं।

कांग्रेस पर सीधे-सीधे निशाना साधते हुए नायडू ने कहा, "लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता की बात कौन कर रहा है, जिन्होंने देश में आपातकाल लगाया। वे सामाजिक सुरक्षा की बात भी कर रहे हैं। आप लंबे समय तक सत्ता में रहे, लेकिन आप सामाजिक सुरक्षा प्रदान नहीं कर सके। अब जब आप सत्ता से बाहर हैं, तो आप इसकी बात कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि कुछ दल सामाजिक एवं आर्थिक विषमता की बात भी कर रहे हैं, लेकिन इन बातों का खयाल सत्तासीन लोग करते हैं, क्योंकि राष्ट्रपति एक बुजुर्ग व्यक्ति की तरह सिर्फ सलाह दे सकता है।

नायडू ने अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार खड़ा करने को लेकर कांग्रेस और अन्य सभी विपक्षी दलों की आलोचना की, जबकि राजग ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर उनसे संपर्क किया था और उनकी राय ली थी।

साथ ही उन्होंने विपक्ष में रहते हुए राजग द्वारा अपना अलग राष्ट्रपति उम्मीदवार खड़ा करने का बचाव भी किया, क्योंकि उनका कहना है कि तब सत्तारूढ़ गठबंधन दल ने उनसे राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर संपर्क नहीं किया था।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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