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यूपी चुनावों से सक्रिय राजनीति में उतरेंगी प्रियंका, कांग्रेस वॉर रूम पहुंचकर की बैठक

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Published on: 25 Oct 2016 12:34 AM IST
यूपी चुनावों से सक्रिय राजनीति में उतरेंगी प्रियंका, कांग्रेस वॉर रूम पहुंचकर की बैठक
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नई दिल्लीः प्रियंका गांधी अब सक्रिय राजनीति में दमखम के साथ कदम रखने वाली हैं। अब तक वह अपनी मां सोनिया की संसदीय सीट रायबरेली और भाई राहुल की अमेठी तक ही सीमित रहती थीं, लेकिन सोमवार को प्रियंका ने कांग्रेस के वॉर रूम में कदम रखा। उन्होंने यूपी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं और पदाधिकारियों से डेढ़ घंटे तक बातचीत की और मीडिया से मिले बगैर वहां से निकल गईं। अब से पहले प्रियंका का ये अवतार किसी ने नहीं देखा था।

हर मसले पर दखल देंगी प्रियंका

सूत्रों के मुताबिक यूपी के चुनावी समर के दौरान टिकट बांटने, रणनीति बनाने और चुनाव बाद के समीकरणों में प्रियंका का सीधा दखल होने जा रहा है। फिलहाल उन्हें सक्रिय राजनीति में लाने के लिए पहला बड़ा शो 19 नवंबर को इलाहाबाद में रखा गया है। इसकी तारीख हालांकि बदल सकती है। कांग्रेस के एक पदाधिकारी के मुताबिक पार्टी ने जो आकलन और आंतरिक फीडबैक लिया, उसके मुताबिक चुनाव प्रचार और रणनीति में प्रियंका को फ्री हैंड देने से ही कांग्रेस का ग्राफ यूपी में आगे बढ़ सकता है।

क्या करने की तैयारी में कांग्रेस?

संकेत ऐसे मिल रहे है कि यूपी में करीब 100 जगह प्रियंका गांधी की चुनाव पूर्व रैलियां और रोड शो हो सकते हैं। कुछ नेताओं ने प्रियंका को ये भी बताया है कि यूपी में सीटों की संख्या चुनावी गठजोड़ के बगैर संभव नहीं है। इसकी वजह ये है कि सूबे में कांग्रेस का सांगठनिक ढांचा बहुत कमजोर है। साथ ही कई पदाधिकारियों ने प्रियंका को बताया कि यूपी में रणनीति के हिसाब से कांग्रेस काफी पिछड़ी है।

बैठक में क्या हुआ?

-प्रियंका के साथ बैठक में यूपी के प्रभारी गुलाम नबी आजाद, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर, सीएम फेस शीला दीक्षित और चुनाव अभियान समिति के संयोजक डॉ. संजय सिंह समेत कई पदाधिकारी थे।

-राहुल के रोड शो की सफलता पर चर्चा के साथ गैर बीजेपी दलों से गठबंधन के बारे में सोचने का मुद्दा उठा।

-कुछ नेताओं ने गठबंधन और साझा रैलियां करने का सुझाव भी प्रियंका को दिया।

-राहुल ने छह महीने पहले यूपी के चुनावी समर में अकेले ही उतरने का ऐलान किया था।

-नेताओं का कहना है कि असरदार पार्टियों और नेताओं से बातचीत के विकल्प खुले रखने चाहिए।

प्रियंका का बदला अवतार

पहला मौका है, जब प्रियंका गांधी यूपी की चुनावी रणनीति बना रही हैं और यूपी के लिए हर बड़े फैसले लेने वाली बैठक में शामिल हो रही हैं। 19 नवंबर से यूपी में सक्रिय दिखेंगी और उनकी रैलियों के बाद ही कांग्रेस आगे की रणनीति बनाएगी।

सपा में टकराव से भी उम्मीदें

-सपा के आंतरिक विवाद ने कांग्रेस में उम्मीद जगाई। बता दें कि राहुल गांधी ने बीते दिनों अखिलेश यादव को अच्छा लड़का बताया था।

-राहुल और अखिलेश की अच्छी दोस्ती है। दोनों ही आए दिन फोन पर बात करते हैं।

-सपा में विभाजन हुआ तो अखिलेश से गठबंधन में कांग्रेस को रणनीति बदलने पर मजबूर होना पड़ेगा।

-यूपी में कांग्रेस 403 में से 150 सीटों पर पूरी ताकत दिखाने की कोशिश में। 50 सीटें जीती तो गैर बीजेपी अल्पमत सरकार के लिए कांग्रेस जरूरत बनेगी।

-बीएसपी से भी दोस्ती की पींगें बढ़ाईं, लेकिन मायावती पहले ही गठजोड़ की पेशकश ठुकरा चुकी हैं।

-सूत्रों के मुताबिक यूपी में सपा में मचे बवंडर के बीच नए ध्रुवीकरणों से कांग्रेस मुख्यधारा में आती हो तो फायदा लेने के लिए कसर नहीं छोड़नी चाहिए।

अखिलेश पर राय बंटी हुई

अखिलेश यादव से रिश्तों को लेकर कांग्रेस में राय बंटी है। चुनाव अभियान समिति के संयोजक डॉ. संजय सिंह के मुताबिक सपा के एक धड़े से दोस्ती करना आत्मघाती हो सकता है। उन्होंने आगाह किया कि सपा सरकार की जनविरोधी नीतियों, सरकारी धन की लूट-खसोट, महिलाओं से हुए अपराध और विकास के खोखले दावों की कांग्रेस आलोचना करती रही, ऐसी दशा में सीएम अखिलेश यादव से दोस्ती कार्यकर्ताओं के गले शायद न उतरे।



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