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बजट 2018 से पहले FM जेटली ने बैंकों को बांटे 2.11 लाख करोड़
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की सेहत में सुधार के मकसद से पुनर्पूंजीकरण योजना पेश की। उन्होंने यह भी कहा कि 250 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।
वित्तमंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हमने पीएसबी के पुनर्पूंजीकरण अर्थात दोबारा पूंजी निर्माण के लिए अक्टूबर 2011 में 2.11 लाख करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की थी। मैंने इसके लिए पहले ही संसद में अनुपूरक अनुदान पारित किया है। इस पूरी कवायद का मकसद यह है कि पीएसबी की सेहत को बेहतर बनाना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है।"
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उन्होंने कहा, "हमें काफी बड़ी समस्या विरासत में मिली है। हमारा मकसद समाधान तलाशना और एक ऐसी संस्था का निर्माण करना था, जिससे दोबार भूल न हो।"
सरकार ने विभिन्न अन्य बैंकों समेत भारतीय स्टेट बैंक को 8,800 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा को 5,375 करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 4,865 करोड़ रुपये और यूनियन बैंक को 4,524 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।
जेटली ने कहा कि पुनर्पूंजीकरण की योजना बनाते समय सरकार के दो उद्देश्य थे। पहला, यह कि किन बैंकों को कितना धन चाहिए। दूसरा उद्देश्य यह था कि ऐसे कौन-कौन से कदम उठाए जाएं, ताकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में उच्च मानदंड कायम हो।
बैंकिंग सचिव राजीव कुमार ने कहा कि देश के 21 पीएसयू बैंकों का बैंकिंग क्षेत्र में 70 फीसदी योगदान है।
कुमार ने कहा, "जैसा कि पहले कहा गया है कि पुनर्पूंजीकरण का आधार बैंक का प्रदर्शन होगा। साथ ही, उसकी विशिष्टता को भी ध्यान में रखा जाएगा।"
खतरों के संबंध में उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में जमाकर्ताओं का धन सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि पीएसबी को कर्ज की जिम्मेदारी भी होनी चाहिए, ताकि डूबे हुए कर्ज की कोई समस्या पैदा न हो।