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नोटबंदी के बाद क्या थे माया-मुलायम और राहुल-ममता के बोल वचन

Gagan D Mishra
Published on: 7 Nov 2017 2:23 PM IST
नोटबंदी के बाद क्या थे माया-मुलायम और राहुल-ममता के बोल वचन
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नोटबंदी के बाद क्या थे माया-मुलायम और राहुल-ममता के बोल वचन

नई दिल्ली: केंद्र में मोदी सरकार ने अपने तीन साल के कार्यकाल में सबसे बड़ा फैसला लेते हुए आठ अक्टूबर 2016 को 500 और 1000 की नोट बंद कर नोटबंदी लागू की थी। जिसको बुधवार को एक साल पूरा होने जा रहा है। नोटबंदी होने के बाद आम जनता को तो परेशानियाँ हुई ही थी लेकिन सबसे ज्यादा हल्ला राजनीतिक पार्टियों के बीच से हुआ था। बात बसपा सुप्रीमो मायावती की हो या तत्कालीन सपा अध्यक्ष मुलायम की या फिर ममता और केजरीवाल की हो। सभी ने नोटबंदी का पुरजोर विरोध किया था।

newstrack.com आपको एक साल पीछे ले जाते हुए ये बता रहा है कि आठ अक्टूबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद सभी राजनीतिक पार्टियों ने किस तरह अपने बयानों से केंद्र कि मोदी सरकार पर हमला किया था।

क्या बोले थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

8 अक्टूबर 2016 को आठ बजे नोटबंदी के ऐलान के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि भारत के आर्थिक सिस्टम में कैश की तादाद काफी ज्यादा है, हमें जल्द ही कैशलेस इकॉनोमी की ओर कदम बढ़ाने होंगे। पीएम ने कहा था कि अधिक कैश होने के कारण सिस्टम में भ्रष्टाचार के संभावनाएं बढ़ जाती हैं। जिससे हवाला करने वालों को बढ़ावा मिलता है, जिससे कालेधन में भी बढ़ोतरी होती है।

मोदी ने कहा था कि इन सभी गतिविधियों पर रोकथाम के लिए 8 नंवबर, 2016 की मध्य रात्रि से ही 500 और 1000 के नोट बंद करने का निर्णय कर रहे हैं। ये कदम भ्रष्टाचार, कालेधन और नकली नोटों के खिलाफ लड़ाई को तेज करेगा। मैं सभी देशवासियों से इस महायज्ञ में मदद करने की अपील करता हूं।

राहुल गांधी की क्या थी प्रतिक्रिया

राहुल ने नोटबंदी के फैसले के बाद बोले थे कि, पीएम मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी के जरिये गरीबों के खिलाफ जंग छेड़ दी है। उन्होंने कहा था, जो इमानदार लोग हैं, उन सबको नरेंद्र मोदी जी ने लाइन में खड़ा कर दिया है। राहुल गांधी ने लोगों से पूछा था कि, 'क्या आपने एक भी अमीर आदमी को लाइन में खड़ा पाया?'

राहुल ने आरोप लगाया कि आम लोगों को जहां बैंक से 2000 रुपये निकालने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है, वहीं भ्रष्टाचारी बैंकों में पिछले दरवाजे से जाकर 50-100 करोड़ रुपये निकाल रहे हैं।

नोटबंदी पर बिफरी थी बसपा सुप्रीमो मायावती

बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने मोदी सरकार के नोटबंदी फैसले पर कहा था कि 500 और 1,000 के नोट बंद होने से मोदी सरकार के बुरे दिन शुरू हो जाएंगे। मायावती ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के केन्द्र सरकार के कदम को तानाशाही और अहंकार से भरा बताया था।

तत्कालीन सपा मुखियां ने बयां किया था दर्द

समाजवादी पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने भी नोट बैन को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था। मुलायम ने कहा था कि वह कालेधन के खिलाफ हैं, लेकिन सरकार ने यह फैसला गरीब लोगों को परेशान करने के लिए किया है। उन्होंने मांग की थी कि नोट बैन पर लगा प्रतिबंध कम से कम सात दिन के लिए टाल दिया जाए। मुलायम ने मोदी सरकार से यह भी दरख्वास्त की थी कि हर महिला को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के पांच लाख रुपए तक जमा करवाने की सहूलियत मिले। मुलायम मोदी सरकार के इस फैसले से इतने नाराज थे कि उन्होंने वर्तमान हालात की तुलना इमर्जेंसी से कर दी।

नोटबंदी के खिलाफ ममता ने दुश्मन के साथ मिलाये थे कदम से कदम

नोटबंदी का फैसला होते ही टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा था कि सीपीएम के साथ भले ही उनकी पार्टी के वैचारिक मतभेद हों, लेकिन वह नोटबंदी के खिलाफ इसके साथ काम करने को भी तैयार हैं। उनके इस फैसले को आश्चर्य से देखा गया था। ममता ने कहा था, 'सीपीआई (एम) के साथ भले ही हमारे वैचारिक मतभेद हों, लेकिन हम देश को बचाने के लिए सीपीएम, कांग्रेस, एसपी, बीएसपी के लिए साथ काम करने को तैयार हैं।'

उन्होंने सरकार के फैसले को तानाशाही करार देते हुए कहा कि जनता-विरोधी, गरीब-विरोध इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने इस फैसले को जनता के साथ धोखा करार दिया।

बंगाल की सीएम ने यह भी कहा था, 'यह जनता के साथ धोखा है, मध्यरात्रि को अचानक यह फैसला लागू हुआ, सत्ताधारी पार्टी के कुछ लोग इसे जानते थे।'

लालू ने अपने ही अंदाज में किया था नोटबंदी का विरोध

कालेधन को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 के नोट बैन करने के फैसले का विरोध करते हुए आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पीएम मोदी पर जोरदार हमला किया था। लालू ने उस समय ट्वीट कर कहा था कि नोट बैन करने के बाद भी अगर लोगों को 15 लाख रुपये नहीं मिलते हैं तो इसका मतलब होगा कि यह फर्जिकल स्ट्राइक था।

लालू ने ट्वीट किया था, 'अगर ये सब करने के बाद भी लोगों को 15 लाख नहीं मिलते हैं तो इसका मतलब होगा कि यह 'फर्जिकल स्ट्राइक' था और इसके साथ ही आम जनता का 'फेक-एनकाउंटर' भी।'

पीएम मोदी के धुर-विरोधी नितीश ने दिया था इस फैसले में उनका साथ

नोटबंदी पर विपक्ष के भारी विरोध के बीच उस वक़्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उस वक़्त थोड़ी रहत मिली थी जब एक कद्दावर विपक्षी नेता का इस फैसले को समर्थन मिला था। एक साल पहले मोदी के विरोधी रहे नितीश कुमार ने नोटबंदी पर समर्थन दिया था। नीतीश कुमार ने कहा था कि नोटबंदी के इस कदम से जाली नोट और कालाधन पूरी तरह से साफ हो जाएगा।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चला सत्ता तक पहुंचे केजरीवाल ने किया था नोटबंदी का विरोध

केजरीवाल ने नोटबंदी के बाद ट्वीट किया था कि, ‘बीजेपी कहती है हम हिंदुओं की पार्टी हैं। नोटबंदी में तो बीजेपी ने हिंदुओं को भी नहीं छोड़ा। हिंदुओं को भी बर्बाद कर दिया।”

उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भी आरोप लगाया था कि नोटबंदी के फैसले से जनता को भारी परेशानी हो रही है और 2000 का नया नोट शुरू करने से काला धन वालों को और आसानी होगी।



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