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ढीली गांठ कसने की कोशिश: JDU के कड़े रुख के बाद राहुल ने की नीतीश से बात
पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार पर संकट गहराने लगा है। मंगलवार को नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और लालू परिवार पर सीबीआई छापे के बाद पहली बार मुंह खोला। कहा, कि 'उनका करप्शन पर जीरो टॉलरंस की नीति से कोई समझौता नहीं होगा।' नीतीश ने तेजस्वी को तथ्यों के आधार पर अपनी बात रखने को कहा।
दूसरी तरफ, बदलते घटनाक्रम में मंगलवार की देर शाम कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नीतीश कुमार से बात की। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर की मानें तो अगले चार-पांच दिनों में तेजस्वी यादव पर कोई फैसला संभव है। हालांकि, लालू की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एक बार फिर दोहराया है कि 'इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं है।'
राजनीतिक घटनाक्रम में बदलाव के संकेत
अंग्रेजी अखबार के अनुसार, मंगलवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नीतीश कुमार से बात की। राहुल और नीतीश के बीच बिहार में महागठबंधन के मुद्दे पर जारी संकट को लेकर चर्चा हुई। हालांकि, दोनों दलों ने इस बातचीत के बारे में कुछ भी बताने से इनकार किया है। लेकिन अखबार ने बताया है कि नीतीश ने राहुल को अपने स्टैंड के बारे में बताया और राहुल ने उसे माना। गौरतलब है कि अभी तक कांग्रेस पार्टी राजद के करीब अधिक दिख रही थी लेकिन राहुल की नीतीश से बातचीत के बाद राजनीतिक घटनाक्रम में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।
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नीतीश चुप न रहें
इससे पहले, मंगलवार को बिहार में नीतीश की पार्टी जेडीयू की बैठक हुई। सूत्रों की मानें तो इस बैठक में अधिकतर विधायकों ने नीतीश कुमार को चुप न रहने की सलाह दी। विधायकों ने कहा, कि 'लालू यादव के परिवार पर लग रहे करप्शन के चार्ज का संदेश ठीक नहीं जा रहा है।'
तेजस्वी जनता के बीच जाएं
विधायकों की सलाह के बाद नीतीश कुमार ने सीबीआई की ओर से लगाए आरोप के बाद तेजस्वी से कहा कि वह खुद पर लगे आरोप के बारे में तथ्यों के साथ जनता बीच जाएं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी को राजनीतिक बयानों से नहीं बल्कि तथ्यों से अपनी बात रखनी चाहिए।
हम कुर्बानी देना जानते हैं
जेडीयू की बैठक के बाद प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, 'हम कुर्बानी देना जानते हैं, लेकिन जिस पर आरोप लगा है उससे तथ्यों के साथ पक्ष रखने की अपेक्षा करते हैं। जदयू भ्रष्टाचार व अपराध से समझौता नहीं करेगा। पार्टी की परंपरा व सिद्धांत से कोई समझौता नहीं होगा।'