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ट्रोल्स का सरताज कैसे बना राजनीति में आम लोगों का चहेता

Gagan D Mishra
Published on: 6 Nov 2017 3:29 PM IST
ट्रोल्स का सरताज कैसे बना राजनीति में आम लोगों का चहेता
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नई दिल्ली: मौजूदा समय में देश के दो राज्यों के चुनाव लगभग करीब ही है। इन प्रदेशों में एक ऐसा भी प्रमुख राज्य है जो देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जन्मस्थली और कर्मस्थली है। गुजरात का चुनाव में जहां बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है तो कांग्रेस किसी भी तरह उसे सत्ता से बेदखल कर खुद सिंहाशन पर काबिज होना चाहती है। लेकिन बड़ी समस्या थी कि कांग्रेस के प्रचार की कमान संभाले कौन? पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी जहां स्वास्थ्य कारणों से प्रचार में ज्यादा समय नहीं दे रही है वहीँ राहुल ने जिस भी चुनाव की कमान संभाली है उन चुनावों में कांग्रेस को सफलता नहीं मिल सकी। लेकिन इस बार के चुनाव का मौसम कुछ अलग है और राहुल के मुहावरों की बारिश में बीजेपी छाता लगा कर भी खुद को भीगने से बचा नहीं पा रही है।

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चाहे बात विधान सभा चुनावों की हो या आम चुनाव की पीएम मोदी ने हर बार कांग्रेस पर अपने जुमलों की बाणों से कांग्रेस का सीना छल्ली ही किया है और इस बार भी गुजरात के चुनावों में बीजेपी की यही रणनीति थी, लेकिन 59 दिनों की विदेश में तपस्या करने के बाद राहुल जब भारत लौटे तो उनमे एक अलग जोश था एक रणनीति थी। चुनाव प्रचार में उनमे बदलाव आते देख कांग्रेस अब गुजरात में मजबूती से प्रचार में जुटी हुई है। इसी के चलते अब राहुल के साथ सिर्फ पार्टी कार्यकर्ता ही नहीं आम लोग भी चल रहे है और उनकी तरफ खींचे चले आ रहे है। गुजरात चुनाव के प्रचार के समय राहुल में कई बदलाव देखने को मिले। newstrack.com आपको उन बदलावों से रु-ब-रु करा रहा है।

जुमलो के जरिए पीएम मोदी पर कर रहे हमला

59 दिनों की तपस्या के बाद जब राहुल अपने देश पहुंचे तो किसी को क्या मालूम था कि उनमे ऐसा बदलाव आएगा कि वो देश के एक बड़े वर्ग की आँखों में समां जायेंगे। गुजरात चुनाव के दौरान राहुल अपने भाषणों के दौरान जैसे व्यंग बोल रहे है। उनमे ऐसा पैनापन होता है जिसमे मजाक के साथ एक गंभीर सन्देश भी छुपा होता है जो एक विपक्ष के नाते सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ हल्ला बोल दर्शाता है।

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राहुल ने गुजरात चुनाव में प्रचार की जिम्मेदारी सँभालते ही सबसे पहले पीएम मोदी को निशाने पर लिया। और उनकी सोशल मीडिया टीम ने केंद्र की मोदी सरकार के भाषणों का मजाक उड़ाते हुए 'विकास पागल हो गया' का अभियान चलाया और देखते देखते ये जुमला सभी की जुबान पर रट गया।शुरआत में राहुल ने मोदी सरकार की नीतियों को निशाना बनाया और धीरे धीरे बदलाव लाते हुए विकास के जुमले के साथ-साथ पीएम मोदी की आलोचना करना शुरू कर दिया।

राहुल के भाषणों के जीएसटी का मतलब ‘गब्बर सिंह टैक्स’ और मोदी जी का जीएसटी ‘ये कमाई मुझे दे दो’ ने काफी बवाल मचाया।

राहुल गांधी ने नई सोशल मीडिया से की धमाके दार एंट्री

राहुल गांधी ने अपनी रणनीतियों पर पूरी तरह से बदलाव किया है। वो अब वहीँ रणनीति अपना रहे है जो बीजेपी ने 2014 के लोकसभा के चुनाव में अपनाई थी । बीजेपी ने आम चुनाव में सोशल मीडिया का जम कर फायदा उठाया और लोगो तक कांग्रेस की गलत नीतियों को पहुँचाया। अब उसी तरह राहुल ने अभी अपनी एक नई सोशल मीडिया टीम तैयार की और सूत्रों की माने तो दक्षिण भारत की अभिनेत्री दिव्य स्पंदन को टीम की कमान सौंपी।

ट्विटर पर रहते हैं सबसे ज्यादा एक्टिव

वैसे तो हर राजनीतिक नेता अब भाषणों से कम सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रीय रहते है। राहुल गांधी भी काफी सालों से ट्विटर यूजर है लेकिन पहले कभी इतने ज्यादा वे एक्टिव नहीं रही जितना इन दिनों है। उनके द्वारा किये जा रहे ट्विट काफी वायरल हो रहे है। चाहे बात अमित शाह के बेटे जय शाह का मामला हो या फिर एनएसए अजित डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल का मुद्ददा हो राहुल ने हर मौके पर ट्विटर में अपने पोस्ट से सियासत में अपनी मजबूत मौजूदगी जताते रहते है। इन पोस्ट पर अब ये भी सवाल उठने लगा है कि जो राहुल अभी तक ट्विटर पर ट्रोल्स के चेहता बने हुए थे वो आज खुद लोगो को ट्रोल्स बनने में मजबूर कर रहे है। तो क्या ये सभी पोस्ट राहुल खुद करते है तो उन्होंने सवाल उठाने वालों को मजबूत जवाब देते हुए अपने पालतू कुत्ते के वीडियो के जरिए आलोचकों पर निशाना साधा था।

राहुल के नए अंदाजे बयां ने लोगो को अपनी ओर खींचा

राहुल गांधी कुछ महीनों पहले जब अपने भाषण देते थे तो उन भाषणों का मजाक उड़ता था कोई उन्हें पप्पू बोल रहा है कहता तो कोई ‘भईया’ कह कर मजाक उडाता है। लेकिन अब राहुल अपने भाषण में जुमलो और मुहावरों के सहारे मोदी सरकार पर वार कर रहे हैं। वो कुछ भी बोलते हैं तो सोशल मीडिया पर ट्रेंड में आ जाते हैं। उनकी रैलियों में लोगों से अब लोग जुड़ते नजर आ रहे हैं।

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राहुल बने सेल्फी मैन

अगर हम कहे कि राहुल कहीं हद तक पीएम मोदी की रणनीति पर चल रहे है वो गलत नहीं होगा। 2014 के लोक सभा चुनाव में पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान आम लोगो के साथ सेल्फी ली तो लोग उन्हें अपने बीच का ही समझने लगे। इसी को देखते हुए अब राहुल भी सेल्फी मैन बन गए है वो वो न सिर्फ लोगों से जुड़ रहे हैं बल्कि उनके साथ सेल्फी भी क्लिक करा रहे हैं। इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है। राहुल एसपीजी सुरक्षा के घेरे में रहते है और कभी भी उस घेरे से बाहर आये ही नहीं लेकिन गुजरात के चुनाव प्रचार के दौरान भरूच में रोड शो कर रहे थे, तो उसी दौरान एक लड़की उनके साथ सेल्फी खिंचवाने के लिए उनके वाहन पर सवार हो गई। और राहुल ने उस लड़की के साथ सेल्फी भी ली।

आम लोगो के साथ कर रहे मुलाकात

राहुल गांधी, हमेसा से एसपीजी की सुरक्षा घेरे में रहे। अभी तक चुनाव प्रचार के दौरान राहुल स्टेज पर भाषण देते कुछ चुनिन्दा नेता ही उनके पास आ सकते थे। लेकिन अब राहुल ने बदलाव लाते हुए हर मौके पर आम लोगो के साथ मेल जोल बढ़ा रहे है। चाहे बात मंताशा नामक युवती के साथ सेल्फी लेने की बात हो या फिर एक छोटे से होटल में आम लोगो के बीच बैठ कर खाना खाने की हो राहुल अब कोशिश कर रहे है कि वो ज्यादा से ज्यादा लोगो की बीच खुद को स्थापित कर सके।

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