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राहुल बोले- मैं नरम या कट्टर हिंदुत्व में विश्वास नहीं रखता...जानिए और क्या कहा
हैदराबाद : कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने कहा कि वो 'नरम या कट्टर' हिंदुत्व के अनुरागी नहीं हैं। राहुल इस बात पर सहमत नहीं हुए कि वह बहुसंख्यक समुदाय को रिझाने के लिए नरम हिंदुत्व को गले लगाएंगे।
उन्होंने कहा, "मैं हिंदुत्व के किसी भी प्रकार में विश्वास नहीं रखता, चाहे वह नरम हिंदुत्व हो या कट्टर हिंदुत्व। हिंदू हैं, बस हो गया..जो धर्म की राजनीति करते हैं, वे हिंदुत्व की बात करते हैं। हमें धर्म की राजनीति नहीं करनी है। हिंदू होना और धर्म की राजनीति करना, दो अलग-अलग चीजें हैं।"
राहुल ने कहा कि धार्मिक नेताओं से उनकी मुलाकात और धार्मिक स्थलों पर जाने में कुछ भी गलत नहीं है।
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मतभेद पर उन्होंने जोर देकर कहा कि यह वैचारिक मतभेद है न कि व्यक्तिगत।
दो दिवसीय हैदराबाद दौरे के दूसरे दिन राहुल ने भविष्यवाणी की, "नरेंद्र मोदी 2019 में पीएम नहीं बनेंगे।"
उन्होंने पूर्वानुमान लगाया कि बीजेपी को 230 सीटें तक नहीं मिलेंगी और इसलिए मोदी के दोबारा पीएम बनने का सवाल ही पैदा नहीं होता। बीजेपी की उत्तर प्रदेश और बिहार में सीटें घटेंगी, क्योंकि गैर-भाजपा दलों के बीच गठबंधन है।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि शिवसेना समेत बीजेपी के कई सहयोगी मोदी के फिर से पीएम बनने के खिलाफ हैं।
कांग्रेस प्रेसिडेंट ने कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी को हराने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ महागठबंधन बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।
उन्होंने विश्वास जताया कि कांग्रेस नीत गठबंधन केंद्र में अगली सरकार बनाएगा।
कांग्रेस और अन्य गैर-भाजपा दलों के बहुमत पाने की स्थिति में पीएम कौन होगा? इस सवाल का सीधा जवाब न देते हुए उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि गठबंधन के सभी घटक दल मिलकर तय कर लेंगे।
संसद में मोदी को गले लगाने के सवाल पर राहुल ने कहा कि उनका यह दिखाने का इरादा था कि वह आलोचना करते हैं, लेकिन किसी से नफरत नहीं करते।
उन्होंने कहा हालांकि पीएम ने अपनी प्रतिक्रिया में ज्यादा सक्रियता नहीं दिखाई। राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को ज्यादा सम्मान नहीं देते हैं।
याद रहे, पीएम ने राहुल के गले लगने को संसद में और अगले दिन उत्तर प्रदेश की एक रैली में 'गले पड़ना' कहा था, जो नफरत का द्योतक है।
उन्होंने देश में बढ़ती असहिष्णुता पर चिंता प्रकट की और कहा कि देश में अल्पसंख्यक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
राहुल ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाइयां समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि तेलंगाना में कांग्रेस सत्ता में आएगी।
आंध्र प्रदेश के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी यहां अपनी स्थिति में सुधार कर रही है। वर्ष 2014 में यहां कांग्रेस को खाली हाथ रहना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि मोदी सालाना दो करोड़ रोजगार मुहैया कराने का अपना वादा निभाने में विफल रहे हैं।
राहुल ने कहा, "चीन 24 घंटे में 50 हजार लोगों को रोजगार देता है जबकि भारत में इसी अवधि के दौरान केवल 458 लोगों को रोजगार मिल पाता है।"