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बैठक में गृहमंत्री बोले- नक्सलियों पर लगाम के लिए वित्तीय अंकुश लगाने की जरूरत
नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह सोमवार (08 मई) को नई दिल्ली में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक सुरक्षा समीक्षा बैठक कर रहे हैं। बैठक में छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश के प्रमुख सचिवों और पुलिस प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रालयों के सचिव भी इसमें शामिल हुए हैं।
बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने वामपंथी चरमपंथी संगठनों पर वित्तीय अंकुश लगाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि नक्सली हिंसा को रोकने के लिए यह बेहद जरूरी है। बता दें, कि केंद्र सरकार ने यह बैठक छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हुए नक्सलियों के हमले के बाद बुलाई है, जिसमें सीआरपीएफ के 26 जवान शहीद हो गए थे ।
बढे प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल
राजनाथ ने कहा, 'आज हमें यह सोचने की जरूरत है कि हमें कोई घटना घटित होने के बाद ही प्रतिक्रिया करनी चाहिए या फिर पहले से ही अधिक सक्रिय होना चाहिए।' राजनाथ सिंह ने सुरक्षा अभियानों और वामपंथी कट्टरपंथ की रोकथाम के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की जरूरत भी बताई । सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण और उनके लिए सुविधाओं की बात करते हुए उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों के आवासीय शिविरों में बिजली, पानी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
राजनाथ ने कहा, कि 'सुकमा में 25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत से पूरे देश में आक्रोश है लेकिन उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। वह दिन दूर नहीं जब यह हिंसा खत्म हो जाएगी।'
बनानी होगी नई रणनीति
नक्सल समस्या को लेकर बुलाई गई समीक्षा बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि पूरी ताकत और नई रणनीति के साथ हम नक्सलियों का सफलतापूर्वक सामना करेंगे।' उन्होंने कहा, कि 'वामपंथी कट्टरपंथ से लड़ने का मूलभूत नियम है कि उनकी वित्तीय संसाधनों तक पहुंच को रोक दिया जाए।' उन्होंने बताया कि बीते 20 वर्षों में माओवादी हिंसा के कारण लगभग 12,000 लोगों की जानें गई।
इस समस्या का कोई शॉर्टकट नहीं
गृहमंत्री ने कहा कि नक्सल समस्या का जल्द हल नहीं निकला जा सकता। इसका कोई शॉर्टकट भी नहीं है। इस समस्या को लघु-अवधि, मध्यम-अवधि और दीर्घकालिक हलों के जरिए ही सुलझाया जा सकता है। मुझे विश्वास है कि विकास को रोकने और बंदूक की नोक पर लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश कभी भी कामयाब नहीं होगी।