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केंद्र सरकार का डॉक्टरों को तोहफा, 62 नहीं अब 65 साल की उम्र में होंगे रिटायर
नई दिल्ली: देश में डॉक्टरों की मांग के अनुसार कमी और स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने सरकारी डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) की उम्र बढ़ाकर 65 वर्ष करने का फैसला लिया है। बता दें, कि देश के डॉक्टर अब तक 62 साल की उम्र में रिटायर होते थे।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसकी जानकारी मीडिया को दी। केंद्रीय मंत्री ने मीडिया को बताया कि बैठक में आयुष और रेलवे में काम कर रहे डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 से बढ़ाकर 65 करने का फैसला लिया गया। हालांकि, इनमें वह डॉक्टर शामिल नहीं हैं जो सेंट्रल हेल्थ सर्विस से आते हैं।
ग्रामीण इलाकों के लोगों को मिलेगा फायदा
गौरतलब है कि इसी वर्ष जुलाई में ही सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और असम राइफल्स (आरएफ) के जनरल ड्यूटी मेडिकल अफसरों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाकर 65 वर्ष करने को मंजूरी दी थी। माना जा रहा है, कि केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले से देश के ग्रामीण इलाकों के लोग, जो ज्यादातर सरकारी डॉक्टरों पर ही निर्भर रहते हैं, को फायदा मिलेगा।
इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी लिया गया फैसला
-इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में लखनऊ मेट्रो रेल को एयरपोर्ट से 1,899 वर्ग मीटर जमीन देने को भी मंजूरी दी गई।
-गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि बैठक में नॉर्थ ईस्ट को 100 करोड़ रुपए अतिरिक्त देने पर फैसला हुआ है।
-इस फंड के माध्यम से वहां पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रेनिंग संस्थान आदि का निर्माण होगा।
-सीसीएस के साथ पुलिस को मॉडर्नाइज करने के लिए अंब्रेला स्कीम को भी मंजूरी दी गई है। जिसमें अगले तीन सालों में 25,060 करोड़ खर्च होंगे।
-बैठक में आंतरिक सुरक्षा और महिला सुरक्षा पर चर्चा हुई।
-हेलिकॉप्टरों की खरीद बढ़ाए जाने पर भी फैसला लिया गया।
-नक्सल प्रभावित 35 जिलों में पुलिस अपग्रेडेशन पर तीन हजार करोड़ खर्च होगा।
-क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को सुधारने पर करीब 900 करोड़ रुपए खर्च होगा।