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सर्जिकल स्ट्राइक! लौटना था मुश्किल, कान के पास से निकल रही थी गोलियां

Rishi
Published on: 10 Sept 2017 7:48 PM IST
सर्जिकल स्ट्राइक! लौटना था मुश्किल, कान के पास से निकल रही थी गोलियां
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नई दिल्ली : अबतक की सबसे चर्चित सर्जिकल स्ट्राइक में नेतृत्व करने वाले मेजर के मुताबिक टीम ने पीओके में हमला सुनियोजित और तेजी के साथ किया गया था। लेकिन वहां से वापसी बहुत मुश्किल थी, क्योंकि दुश्मन की गोलियां हमारे कानों के पास से निकल रही थीं। ये बातें स्ट्राइक के एक वर्ष पूरा होने पर प्रकाशित एक किताब में सेना के मेजर द्वारा कही गईं हैं।

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किताब का नाम है ‘इंडियाज मोस्ट फीयरलेस : ट्रू स्टोरीज ऑफ़ मॉडर्न मिलिट्री हीरोज’ इसमें मेजर का वास्तविक नाम छुपा कर उसे कोडनेम माइक टैंगो दिया गया है।

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कौन थे स्ट्राइक में शामिल होने वाले हीरो

काफी दिनों की माथापच्ची के बाद सेना ने निर्णय लिया कि इस सर्जिकल स्ट्राइक के लिए उरी आतंकी हमले में नुकसान उठाने वाली दो यूनिटों के सैनिकों को ही शामिल किया जाएगा। इसके बाद इन यूनिटों से जांबाज सैनिकों कि एक टीम बनाई गई।

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किताब के मुताबिक, मेजर टैंगो को इस सर्जिकल स्ट्राइक में इस लिए लीडर बनाया गया क्योंकि उन्हें उस स्थान कि सबसे अधिक जानकारी थी जहाँ सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देना था। मेजर को इसलिए भी शामिल किया गया कि वो जोश के साथ होश में रणनीतिक जुगलबंदी में माहिर थे, और इस मिशन के लिए वो सबसे काबिल अगुवा थे।

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किताब के मुताबिक, मेजर टैंगो को टीम बनाने के लिए खुला रखा गया ताकि वो अपनी पसंद से टीम बना सकें। उनकी क्षमताओं पर सेना को पूरा भरोसा था कि वो इस मिशन को बेहतर तरीके से अंजाम दे सकते हैं क्योंकि 19 लोगों की जान की सलामती उनके ही हाथों में थी।’’

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मेजर ये बात अच्छी तरह जानते थे इसीलिए बुक में एक स्थान पर उनके द्वारा कहा गया है कि, वहां मुझे लगता था कि मैं जवानों को खो सकता हूं।

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किताब को शिव अरूर और राहुल सिंह ने लिखा है, पेंग्विन इंडिया ने प्रकाशित किया है। इसमें सर्जिकल स्ट्राइक की 14 कहानियों को शामिल किया गया है।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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