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लापरवाही: 14 मरीजों की मौत के बाद खत्म हुई अस्पताल कर्मियों की हड़ताल

Manoj Dwivedi
Published on: 4 Jun 2018 3:21 AM GMT
लापरवाही: 14 मरीजों की मौत के बाद खत्म हुई अस्पताल कर्मियों की हड़ताल
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रांची: झारखंड के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में जूनियर डाक्टरों एवं नर्सो की हड़ताल के कारण कम से कम 14 मरीजों की मौत हो गई। एक कर्मचारी पर हमले के कारण डाक्टरों एवं नर्स हड़ताल पर गए थे। 14 मरीजों की मौत के बाद आनन-फानन में सरकारी महकमा सक्रिय हुआ और हड़ताल वापस ली गई। लेकिन इन 14 मौतों की जवाबदेही लेने को कोई तैयार नहीं।

सरकारी लापरवाही

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रविवार को रिम्स की घटना पर संज्ञान लिया और मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी और स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रबंशी को डाक्टरों और नर्सो से बात करने के लिए कहा है। रविवार को ही दोपहर में चंद्रबंशी और त्रिपाठी बातचीत के लिए रिम्स पहुंचे और इसके बाद हड़ताल वापस ले ली गई। इस दौरान शनिवार की सुबह जूनियर डाक्टर और नर्स हड़ताल पर चले गए और नए मरीजों की भर्ती रोक दी। जो मरीज पहले से भर्ती थे उन्हें दवा और उपचार नहीं दी गई। इसकी वजह से 14 मरीजों की मौत हो गई। यह पूरा मामला रिम्स के बड़े अधिकारियों की लापरवाही का जीता जगता नमूना है।

इसलिए हुई हड़ताल

यह मामला शुक्रवार की रात का है जब एक नर्स के इंजेक्शन देने के बाद मरीज गीता देवी की मौत हो गई। इसके बाद गीता देवी के परिजनों ने नर्स के साथ बदसलूकी और मारपीट की। इसी से गुस्साए डॉक्टर और नर्स शनिवार को हड़ताल पर चले गए. जिसकी वजह से रिम्स में शनिवार और रविवार को दो हजार से अधिक मरीजों को बिना इलाज वापस लौटना पड़ा। कई परिजनों ने पहले से भर्ती अपने मरीजों को दूसरे अस्पताल ले गए। हड़ताल के दौरान मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया जिसकी वजह से 14 लोगों की जान चली गई।

Manoj Dwivedi

Manoj Dwivedi

MJMC, BJMC, B.A in Journalism. Worked with Dainik Jagran, Hindustan. Money Bhaskar (Newsportal), Shukrawar Magazine, Metro Ujala. More Than 12 Years Experience in Journalism.

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