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लालू ने नीतीश को बताया राजनीति का 'पलटूराम', कहा- मेरे बेटों से डर गए

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार (01 अगस्त) को प्रेस कांफ्रेंस कर की। लालू ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को पलटूराम बताया।

tiwarishalini
Published on: 1 Aug 2017 10:50 AM GMT
लालू ने नीतीश को बताया राजनीति का पलटूराम, कहा- मेरे बेटों से डर गए
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प्रेस कांफ्रेंस में बोले लालू यादव - नीतीश कुमार राजनीति के पलटूराम, सत्ता के लालची

पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार (01 अगस्त) को प्रेस कांफ्रेंस कर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर जमकर जुबानी हमले किए। लालू ने नीतीश कुमार को राजनीति का 'पलटूराम' बताया। उन्होंने कहा कि नीतीश का आदर्शवाद झूठा है। नीतीश सत्ता के लालची हैं। अपने राजनीतिक काल में नीतीश ने ना जाने कितनी बार कितने लोगों का दामन पकड़ा और छोड़ा। नीतीश मेरे बेटों के अच्छे काम से डर गए।

मैं नीतीश से सीनियर

लालू ने कहा कि मैं नीतीश से सीनियर हूं। मैं उन्हें बहुत बेहतर तरीके से जानता हूं। कल वो कह रहे थे कि लालू को उन्होंने नेता बनाया। उन्हें शर्म भी नहीं आती ऐसा कहते हुए।

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नीतीश के इशारे पर सीबीआई के छापे

लालू यादव ने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों पर जो भी सीबीआई ने छापे मारे, वह सब नीतीश कुमार के इशारे पर थे।

मेरे बेटों से डर गए

लालू ने कहा कि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव की लोकप्रियता से डर गए थे। नीतीश कुमार मेरे बेटों की बलि चढ़ाना चाहते थे। लालू ने कहा कि तेजस्वी यादव तो बहाना था। अगर तेजस्वी इस्तीफा दे भी देते तब भी नीतीश बीजेपी के साथ मिल जाते। उनकी पहले से ही बीजेपी के साथ सेटिंग थी।

हमको कॉलेज में लड़कियों ने ज्यादा वोट दिया

लालू ने कहा कि हमको कॉलेज में लड़कियों ने ज्यादा वोट दिया। वहां लोगों ने खुद मेरे पोस्टर लगाए थे। 70 के दशक में हमने मांग रखी कि चुनाव प्रत्यक्ष तौर पर हों। 70-71 के दौरान मैं जनरल सेक्रेटरी बना। मेरे ख्याति इतनी थी कि छात्रसंघ समिति ही भंग कर दी गई, क्योंकि मैं आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम (मीसा) कानून के तहत जेल में था। सुशील मोदी उस दौर में हाफ पैंट पहनकर घूमता था। वो आरएसएस में था। नीतीश मुझसे चंदन लगवाकर जाते थे। जेपी आंदोलन के दौर में नीतीश को मैंने ही आगे किया था। लालू ने कहा नीतीश कुमार को मैंने किसी आंदोलन में नहीं देखा।

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नीतीश तुम्हारी हैसियत क्या थी?

लालू यादव ने कहा कि नीतीश अब ढोल-झाल लेकर भगवा गले में डाल लो। लालू का वोट ट्रांसफर नहीं हुआ। तुम्हारी हैसियत क्या थी? अब जय श्री राम बोलो। सब हलुआ निकल गया था। मैं इनकी औकात आपको बताता हूं। 2014 के विधानसभा चुनाव में हम टॉप पर थे। आज वो बीजेपी-आरएसएस की गोद में बैठ गए हैं। कल तक नीतीश कुमार मोदी को कोसते थे और सत्ता की लालच में मोदी की जय-जयकार कर रहे हैं। नीतीश कुमार अवसरवादी नेता हैं।

हम तो नेता बनाने की मशीन

लालू ने कहा कि हम तो नेता बनाने की मशीन थे। ये दो-दो बार एमएलए का चुनाव हारे। लोकसभा में भी हारे। बाड़ में चुनाव हारे तो हाथ जोड़कर हमारे पास आए थे। सब फोटो हैं मीडिया में। हमने बाकी लोगों से बातकर इनके कील-कांटे साफ किए।

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नीतीश के मन में साजिश थी

लालू ने कहा नीतीश के मन में साजिश थी। हम सब समझ रहे थे। कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया। नीतीश ने हमारा इस्तेमाल किया। वो कहते हैं कि हमने ट्रांसफर-पोस्टिंग में हस्तक्षेप किया। गठबंधन की सरकार में ऐसा नहीं करेंगे क्या? वो कहते हैं कि वो मास के नेता हैं। तो फिर कुर्मी सम्मेलन में क्यों गए थे? हमने कभी यादव सम्मेलन नहीं बुलाया।

नीतीश को हमने हमेशा बचाया

लालू ने आरोप लगाया कि वह कहते हैं हम जात-पात नहीं करते। हम जानते हैं क्या करते हैं? सब नई दिल्ली से सेट होकर आ रहा है। नीतीश को हमने हमेशा बचाया है। राज्यसभा में इनका कचूमर निकल जाता। मांझी जी भी यहां बैठे हैं। नीतीश ने कठपुतली को सीएम बनाया था, वो बोलने लगी तो खटकने लगी। नीतीश जब-जब बीमार हुए तो समझो बड़ी साजिश चल रही है। प्रशांत किशोर को लेकर नीतीश मेरे पास महरौली आए थे

मुलायम के कहने पर नीतीश को नेता बनाया

लालू ने कहा कि मैं कभी नहीं चाहता था कि इस आदमी (नीतीश कुमार) को आगे नेता खड़ा किया जाए। इस पर कोई भरोसा नहीं, लेकिन मुलायम सिंह यादव ने कहा तो मैंने मैंने मान लिया।

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नीतीश का चरित्र सामने आ गया

लालू ने कहा सच तो यह है कि नीतीश कुमार को शरद यादव ने बनाया। उन्होंने टिकट दिया। अब वो कहते हैं कि हमारी पार्टी बिहार की है। शरद यादव ने मेरे खिलाफ जिताने के लिए जीवन झोंक दिया था। अब कहते हैं कि रीजनल पार्टी है। 2019 के बारे में कह दिया कि मोदी का कोई चैलेंज नहीं है।

वो तो इसी फिराक में थे कि हमारे खिलाफ कुछ हो। सीबीआई बिना इजाजत के किसी के यहां नहीं पहुंच सकती। नीतीश के इशारे पर तेजस्वी के यहां छापा हुआ। तेजस्वी इस्तीफा दे भी देता तो नीतीश बीजेपी के साथ जाते। अच्छा हुआ जो हुआ। वो हमेशा घृणा करते थे हमसे। कहीं साथ में पोस्टर नहीं लगने दिया। नीतीश कुमार ने जो किया उससे उनका चरित्र सामने आ गया।

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