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रोटोमैक कंपनी के मालिक को CBI कोर्ट ने 11 दिन की रिमांड पर भेजा
सीबीआई के स्पेशल जज एमपी चैधरी ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन विक्रम कोठारी व उनके बेटे राहुल कोठारी को 11 दिन के लिए सीबीआई की कस्टडी में सौंपने का आदेश दिया है। राहुल कोठारी इस कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। सीबीआई ने इन्हें सात बैंकों को रूपये 2919 करोड़ का चूना लगाने के मामले में गिरफ्तार किया है। इन दोनों अभियुक्तों की कस्टडी रिमांड की यह अवधि 24 फरवरी से शुरु होकर सात मार्च की दोपहर दो बजे खत्म होगी।उन्होंने यह आदेश सीबीआई के डिप्टी एसपी व इस
लखनऊ:सीबीआई के स्पेशल जज एमपी चैधरी ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन विक्रम कोठारी व उनके बेटे राहुल कोठारी को 11 दिन के लिए सीबीआई की कस्टडी में सौंपने का आदेश दिया है। राहुल कोठारी इस कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। सीबीआई ने इन्हें सात बैंकों को रूपये 2919 करोड़ का चूना लगाने के मामले में गिरफ्तार किया है। इन दोनों अभियुक्तों की कस्टडी रिमांड की यह अवधि 24 फरवरी से शुरु होकर सात मार्च की दोपहर दो बजे खत्म होगी।उन्होंने यह आदेश सीबीआई के डिप्टी एसपी व इस मामले के विवेचक जीएम राठी अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है।आज शनिवार को विक्रम कोठारी और उसके बेटे राहुल को 23 फरवरी को दिल्ली में गिरफ्तार इन अभियुक्तों को सीबीआई यहां ट्रांजिट रिमांड पर लायी थी।
विवेचक का कहना था कि इन अभियुक्तों ने कई बैंकों के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ व्यापक पैमाने पर धोखाधड़ी व जालसाजी करके धन का दुर्विनियोग किया है।इनसे इस अपराध में शामिल बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों तथा प्राइवेट व्यक्तियों का नाम मालुम करना है।इस संबध में और भी विस्तृत पूछताछ करनी है। लिहाजा इन्हें 14 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड में दिया जाए।
इससे पहले सीबीआई द्वारा इन दोनों अभियुक्तों को विशेष अदालत के समक्ष पेश कर 14 दिन के लिए उनका न्यायिक रिमांड हासिल किया गया। बीते 23 फरवरी को दिल्ली में गिरफ्तार इन अभियुक्तों को सीबीआई यहां ट्रांजिट रिमांड पर लायी थी।
यह है पूरा मामला
इस मामले की शिकायत 18 फरवरी, 2018 को बैंक आॅफ बड़ौदा, कानपुर के रीजनल मैनेजर बृजेश कुमार सिंह ने मेसर्स रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ ही इसके चेयरमैन विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी व बेटे राहुल कोठारी तथा बैंक के अज्ञात अफसरों के खिलाफ सीबीआई में दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक मेसर्स रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने आपराधिक षडयंत्र व धोखाधड़ी के जरिए बैंक आॅफ इंडिया, ओरियन्टल बैंक आॅफ कामर्स, बैंक आॅफ बड़ौदा, इलाहाबाद बैंक, बैंक आॅफ महाराष्ट्र, यूनियन बैंक आॅफ इंडिया व इंडियन ओवरसीज बैंक को 2919.39 करोड़ का चूना लगाया है।
शिकायत में कहा गया था कि इन सात बैंको ने मुल्जिमों की कंपनी को नाॅन फॅड बेस्ड और फंड बेस्ड 2129 करोड की लिमिट मंजूर की थी। जिसके एवज में कंपनी पर 2919.39 करोड का बकाया है। इस लिमिट में बैंक आॅफ बड़ौदा ने 435 करोड़ की क्रेडिट की सुविधा कंपनी को दी थी। जिस पर 463 करोड की देनदारी कंपनी पर बनती है। चूकि यह फ्राड बड़ी रकम का है। इसलिए हमें आशंका है कि कंपनी के डायरेक्टर कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए देश छोड़ कर भाग सकते है।जबकि इसमें जनता का पैसा दांव पर लगा है।यदि ये विदेश भाग गए तो कई कानूनी पेचीदगियां सामने आएगी। इसलिए इन्हें भागने से रोकने के लिए हम यह रिक्वेस्ट करते हैं कि इनका पासपोर्ट रद्द अथवा जब्त किया जाए।
सीबीआई ने उसी रोज आईपीसी की धारा 120 बी सपठित धारा 420, 467, 468, 471 व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं मे भी एफआईआर दर्ज कर इस मामले की विवेचना शुरु की।