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RSS: प्रणब मुखर्जी के आमंत्रण स्वीकारने में कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं

aman
By aman
Published on: 29 May 2018 3:31 PM GMT
RSS: प्रणब मुखर्जी के आमंत्रण स्वीकारने में कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) ने मंगलवार (29 मई) को कहा, कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नागपुर स्थित मुख्यालय में होने वाले एक कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार लिया है और इसमें कुछ भी 'आश्चर्यजनक' नहीं है। आरएसएस के नेता नरेंद्र कुमार ने यहां जारी एक बयान में कहा, कि मुखर्जी 'तृतीय वर्ष वर्ग' के समापन समारोह में मुख्य अतिथि होंगे और 'स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे।' बता दें, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समारोह के मुख्य वक्ता होंगे।

बयान के अनुसार, 'जो भी संघ को जानते हैं या समझते हैं, यह उनके लिए आश्चर्यजनक या नया नहीं है। यह उनके लिए सामान्य है, क्योंकि आरएसएस प्रसिद्ध लोगों और सामाजिक सेवा से जुड़े लोगों को बुलाता रहता है। इस बार, आरएसएस ने डॉ. प्रणब मुखर्जी को निमंत्रण दिया है और यह उनकी महानता है कि उन्होंने यह निमंत्रण स्वीकार किया है।' गौरतलब है, कि प्रणब मुखर्जी साल 2012 में राष्ट्रपति बनने से पहले दशकों तक कांग्रेस से जुड़े रहे थे।

महात्मा गांधी ने भी थी तारीफ

संगठन ने कहा, कि 25 दिवसीय 'तृतीय वर्ष वर्ग' प्रत्येक वर्ष नागपुर में मनाया जाता है, जिसमें पूरे देश से सदस्य प्रशिक्षण के लिए भाग लेते हैं। बयान के अनुसार, 'इस वर्ष, यह 14 मई को शुरू हुआ था और यह सात जून को समाप्त होगा, जिसमें देश के विभिन्न भागों से 709 स्वयंसेवक अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।' ये भी कहा गया है, कि 'महात्मा गांधी ने वर्धा स्थित शिविर का दौरा किया था और बाद में कहा था कि वह संगठन के 'कड़े अनुशासन, सादगी और भेदभाव की अनुपस्थिति' से प्रभावित हुए।' पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन, समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण, फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा समेत अन्य हस्तियां भी आरएसएस के समारोह में भाग ले चुके हैं।

नेहरू-शास्त्री ने भी आरएसएस को आमंत्रित किया था

आरएसएस की ओर से कहा गया है, कि 'भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी 1962 में चीन के साथ युद्ध के दौरान आरएसएस की भूमिका को देखते हुए इसे 1963 में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था।' तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भी 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के समय सर्वदलीय बैठक में आरआरएस को आमंत्रित किया था।'

जो भी विचार से होते हैं सहमत, आते हैं

आरएसएस के बयान में कहा गया है, कि 'संघ पिछले 92 वर्षों से से समतावादी समाज बनाने के लिए कार्य कर रहा है और इसमें सफलता मिल रही है। जो भी इसके विचार और कार्य से सहमत होते हैं, वे संघ के समारोह में शामिल होते हैं और सहयोग करते हैं।'

आईएएनएस

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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