सबरीमाला: फिर खुलेंगे कपाट,हिंदू संगठनों की अपील- महिला पत्रकारों को न भेजे

Anoop Ojha
Published on: 5 Nov 2018 3:41 AM GMT
सबरीमाला: फिर खुलेंगे कपाट,हिंदू संगठनों की अपील- महिला पत्रकारों को न भेजे
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नई दिल्ली: केरल का सबरीमाला मंदिर आज पांच नवम्बर को एक दिन के लिए खोला जायेगा।हिंदू संगठनों के व्यापक विरोध के बीच कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए है।लेकिन केरल पुलिस मंदिर दोबारा खुलने से पहले सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाह रही है। किसी तरह की अनहोनी को रोकने के लिए भगवान अयप्पा मंदिर के आसपास पम्बा और अन्य क्षेत्रों में शनिवार की अलसुबह से मंगलवार तक निषेधाज्ञा आदेश लागू रहेगा।



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उच्चतम न्यायालय की तरफ से सबरीमाला मंदिर से 10 से 50 आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए जा रहे हैं। मासिक पूजा के लिए 17 अक्टूबर को पांच दिन के लिए खोले गए मंदिर में एक दर्जन महिलाओं की पुलिस सुरक्षा के बीच पूजा के लिए जाने की कोशिश के बाद श्रद्धालुओं और अन्य संगठनों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया था। पुलिस के मुताबिक हिंसक प्रदर्शन के मामले में 543 केस दर्ज किए गए हैं और 3,701 लोगों की अबतक गिरप्तारी हो चुकी है।

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सबरीमाला, केरल के पेरियार टाइगर अभयारण्य में स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू मन्दिर है। यहां विश्व की सबसे बड़ा वार्षिक तीर्थयात्रा होती है जिसमें प्रति वर्ष लगभग दो करोड़ श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किलोमीटर की दूरी पर पंपा है और वहां से चार-पांच किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम घाट से सह्यपर्वत शृंखलाओं के घने वनों के बीच, समुद्रतल से लगभग 1000 मीटर की ऊंचाई पर सबरीमाला मंदिर स्थित है। सबरीमाला शैव और वैष्णवों के बीच की अद्भुत कड़ी है। मलयालम में 'सबरीमाला' का अर्थ होता है, पर्वत। वास्तव में यह स्थान सह्याद्रि पर्वतमाला से घिरे हुए पथनाथिटा जिले में स्थित है। पंपा से सबरीमला तक पैदल यात्रा करनी पड़ती है। यह रास्ता पांच किलोमीटर लम्बा है।

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शबरीमाला में भगवान अयप्पा का मंदिर है। शबरी पर्वत पर घने वन हैं। इस मंदिर में आने के पहले भक्तों को 41 दिनों का कठिन व्रत का अनुष्ठान करना पड़ता है जिसे 41 दिन का 'मण्डलम्' कहते हैं।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

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