गोरक्षा के नाम पर हिंसा: SC ने कहा- हर जिले में तैनात करें नोडल अफसर

aman
By aman
Published on: 6 Sep 2017 8:27 AM GMT
गोरक्षा के नाम पर हिंसा: SC ने कहा- हर जिले में तैनात करें नोडल अफसर
X

नई दिल्ली: गोरक्षा के नाम पर देश में आए दिन हो रही हिंसा और हत्या की बढ़ती घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कथित गोरक्षकों द्वारा की जा रही हिंसा को रोकने के लिए देशभर के हर जिले में एक नोडल अफसर की तैनाती का आदेश दिया है। कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया है कि हर जिले में एक सीनियर पुलिस अधिकारी को नोडल अफसर बनाकर तैनात किया जाए।

ये भी पढ़ें ...टेरर फंडिंग: दिल्ली, श्रीनगर के 16 जगहों पर NIA के छापे

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य, दोनों से ही कहा है, कि गोरक्षा के नाम पर कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए जाएं। कोर्ट ने राज्यों के मुख्य सचिवों को इस संबंध में की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट एक हफ्ते में सौंपने का आदेश दिया है। इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, कि 'ऐसे लोगों के खिलाफ ऐक्शन लेने के लिए कानून है।'

ये भी पढ़ें ...पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या बर्दाश्त नहीं की जा सकती : सोनिया गांधी

बताएं, कार्रवाई क्या की गई?

तुषार मेहता के इस जवाब पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा, 'हम जानते हैं कि कानून है, लेकिन कार्रवाई क्या की गई?' चीफ जस्टिस ने कहा, कि 'सरकार सुनियोजित कार्रवाई कर सकती है, ताकि गोरक्षा के नाम पर हिंसा न बढ़े।'

ये भी पढ़ें ...PM मोदी-आंग सान सू की मुलाकात, उठाया रोहिंग्या मुस्लिमों का मुद्दा

मुख्य सचिवों को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अमिताव राय और जस्टिस एम खानविलकर की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने राज्यों के मुख्य सचिवों को गोरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा की घटनाओं की रोकथाम के लिए की गई कार्रवाई के विवरण के साथ स्थिति रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया।

आगे की स्लाइड में पढ़ें पूरी खबर ...

ये पूछा केंद्र से

इस तीन सदस्यीय खंडपीठ ने केंद्र से कहा, कि 'वह इस तर्क पर जवाब दाखिल करें कि क्या वह संविधान के अनुच्छेद- 256 के अंतर्गत सभी राज्यों को कानून-व्यवस्था से संबंधित मुद्दे पर निर्देश जारी कर सकती है।'

ये भी पढ़ें ...पहले ही दिन धोखा दे गई लखनऊ मेट्रो, सीढ़ी से निकाले गए फंसे यात्री

तुषार गांधी ने दी थी जनहित याचिका

सुप्रीम कोर्ट महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में गोरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा पर अंकुश पाने के उपाय करने का सभी राज्य सरकारों को निर्देश देने सहित कई राहतें प्रदान करने का अनुरोध किया गया है। तुषार गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दिरा जयिसंह ने गोमांस रखने या इसका सेवन करने या इसे ले जाने के नाम पर हिंसक भीड़ द्वारा लोगों को पीट-पीट कर मार डालने की घटनाओं की ओर कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया।

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story