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SC का अहम फैसला, माता-पिता से अलग रहने का दबाव पति को प्रताड़ित करना

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Published on: 7 Oct 2016 10:15 PM
SC का अहम फैसला, माता-पिता से अलग रहने का दबाव पति को प्रताड़ित करना
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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि अगर पत्नी अपने पति पर माता-पिता से अलग रहने का दबाव डाले तो इसे प्रताड़ित करना माना जाएगा। ये फैसला अदालत ने तलाक के एक मामले में दिया।

कोर्ट ने क्या कहा?

जस्टिस एआर दवे औऱ जस्टिस एल. नागेश्वर राव की बेंच ने कहा कि मौजूदा मामले में पत्नी ने सुसाइड की कोशिश की और धमकियां दीं। पति पर दबाव बनाया कि वह परिवार को छोड़ दे, जबकि पति के माता-पिता उसी पर आर्थिक तौर पर निर्भर हैं। महिला ने पति पर अवैध संबंध का झूठा आरोप भी लगाया। कोर्ट ने इन सभी को क्रूरता और प्रताड़ित करना मानते हुए तलाक की अर्जी मंजूर कर ली।

कोर्ट ने और क्या कहा?

-भारतीय संस्कृति में बेटा ही माता-पिता की देखभाल करता है।

-माता-पिता अपने बेटे को पढ़ाने से लेकर उसकी तमाम परवरिश करते हैं।

-अलग रहने का दबाव भला बेटा कैसे बर्दाश्त कर सकता है।

-पत्नी ने अलग रहने के लिए जो हरकत की, वह क्रूरता के दायरे में आती है।

खुदकुशी की कोशिश या धमकी भी क्रूरता

अदालत ने अपने फैसले में ये भी साफ कर दिया कि महिला ने खुदकुशी की कोशिश की, जिसे पति ने बचाया। महिला को कुछ हो गया तो पति कानूनी पचड़े में फंसेगा और जिंदगी बरबाद तक हो सकती है। उसे मानसिक प्रताड़ना भी सहनी होगी। सिर्फ इस आधार पर भी तलाक मंजूर किया जा सकता है, क्योंकि ये क्रूरता का हिस्सा है। बता दें कि निचली अदालत ने पति के पक्ष में फैसला दिया था, जिसे हाईकोर्ट ने पलट दिया था।

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