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सिद्धारमैया के 'हिंदू उग्रवादी' कहने पर BJP ने राहुल को बताया 'अस्थाई हिंदू'
बेंगलुरु: कर्नाटक में आगामी अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी दोनों दलों में जुबानी जंग भी तेज हो गई है। कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के आरएसएस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं को 'हिंदू उग्रवादी' बताने पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी ने गुरुवार ( 11 जनवरी) को कहा, कि 'कांग्रेस पार्टी का हिंदुओं के प्रति रुख खुलकर सामने आ गया है। इसमें कुछ नया नहीं है।'
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, कि 'पहले भी कांग्रेस सरकार के दौरान हिंदू आतंकवाद की बात सामने लाई गई थी। एक बार फिर कर्नाटक में इस मुद्दे को उठाया जा रहा है।' पात्रा ने कहा, 'राहुल गांधी जनेऊ पहनकर 'अस्थाई हिंदू' बनने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस की सोच अब सामने आ रही है।' पात्रा ने इस दौरान विकीलीक्स द्वारा राहुल गांधी के हिंदू टेरर वाले खुलासे का भी जिक्र किया।
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बीजेपी पलटवार के मूड में
सिद्धारमैया के इस बयान के बाद बीजेपी पूरी तरह से पलटवार के मूड में है। कर्नाटक बीजेपी ने कल यानि शुक्रवार (12 जनवरी) से पूरे राज्य में जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया है। बीजेपी नेताओं का कहना है, कि 'हम सरकार से कहेंगे चूंकि हम बीजेपी और आरएसएस से हैं, इसलिए हमें गिरफ्तार कर लीजिए। कांग्रेस आरएसएस पर प्रतिबंध की बात करती है लेकिन उन्होंने खालिस्तान, उल्फा और लिट्टे का समर्थन किया है। सीएम को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए।'
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क्या कहा था सिद्धारमैया ने
सीएम सिद्धारमैया ने कहा था, कि 'बीजेपी, आरएसएस और बजरंग दल एक तरह के आतंकवादी हैं। जो भी समाज की शांति को भंग करते हैं उन्हें सरकार को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। चाहे वो पीएफआई हो, एसडीपीआई हो या वीएचपी, आरएसएस।' हालांकि, बाद में सिद्धारमैया ने कहा कि मेरा मतलब था कि बीजेपी और आरएसएस हिंदू उग्रवादी संगठन हैं।
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कांग्रेस समझे ये 1975 नहीं है
सिद्धारमैया के इस बयान के आते ही बीजेपी ने भी पलटवार किया। बीजेपी कर्नाटक के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया गया, कि 'सिद्धारमैया चुनाव का ध्रुवीकरण कर रहे हैं। एक तरफ वो बीजेपी-आरएसएस को आतंकी संगठन कह रहे हैं तो दूसरी तरफ स्थानीय कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश बीजेपी पर बैन की मांग कर रहे हैं।' बीजेपी की ओर से ट्वीट में लिखा गया कि उन्हें समझना चाहिए कि ये 1975 नहीं है और आज इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री नहीं हैं।
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शाह ने उठाए थे सवाल
बता दें, कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी बुधवार को कर्नाटक में ही थे। शाह ने परिवर्तन यात्रा की रैली में हिस्सा लिया था। इस दौरान शाह ने कहा था, कि 'सिद्धारमैया सरकार एंटी हिंदू है। वह वोटबैंक की राजनीति कर रही है।' उन्होंने केंद्र सरकार से भेजी जा रही राशि पर भी सवाल उठाया और कहा था कि जो पैसा मोदी सरकार राज्य के विकास के लिए भेज रही है, वह कहां जा रहा है।
ये है विधानसभा की वर्तमान स्थिति
उल्लेखनीय है, कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव अप्रैल में प्रस्तावित हैं। राज्य की 225 विधानसभा सीटों में से मौजूदा समय में कांग्रेस के पास 121 तो बीजेपी के पास 40 और जनता दल (एस) के पास 40 सीटें है। शेष 24 सीटें अन्य के पास है।
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