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Rafale deal : सोनिया गांधी और विपक्ष को चाहिए JPC जांच, नाश्ते का बहिष्कार
नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ अपनी पार्टी के सांसदों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
कांग्रेस नेताओं हाथों में तख्तियां लिए कथित घोटाले की एक संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग करते हुए संसद भवन परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के पास जमा हुए और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
कांग्रेस सांसदों की तख्तियों पर 'मोदी का भ्रष्टाचार बेनकाब', 'राफेल घोटाला : हमारी मांग जेपीसी जांच' , 'किसानों का कर्ज माफ नहीं किया - 130,000 करोड़ रुपये का राफेल घोटाला' लिखा था।
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राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, पूर्व रक्षामंत्री ए.के.एंटनी, अंबिका सोनी व पार्टी के वरिष्ठ सांसदों ने प्रदर्शन में भाग लिया।
कांग्रेस सदस्यों ने बाद में राज्यसभा में विरोध प्रदर्शन किया, और कुछ समय के लिए सदन को बाधित किया।
गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में कहा, "यह दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है। हम राफेल सौदे की एक संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग करते हैं।"
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संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों को प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य की जरूरत है।
इससे पहले कांग्रेस सांसदों ने सरकार के सदन में बिना किसी चर्चा के तीन विधेयकों को पारित करने के कदम के विरोध में राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू के साथ नाश्ते पर होने वाली बैठक का बहिष्कार कर दिया।