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उसने सीने पर घाव झेला, निहत्थे ही हथियारबंद हमलावरों को मार भगाया

Rishi
Published on: 6 March 2018 2:53 PM IST
उसने सीने पर घाव झेला, निहत्थे ही हथियारबंद हमलावरों को मार भगाया
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नागपुर : पुलिस के सी-60 कमांडो 33 साल के गोमजी मत्तामी गढ़चिरौली हेडक्वार्टर्स में तैनात हैं। गोमजी ने वो कर दिखाया है जो मिसाल बन युवाओं को प्रेरित करता रहेगा। गोमजी ने सीने में गहरा घाव होने के बाद भी हथियारबंद माओवादियों का निहत्थे सामना किया और उन्हें मार भगाया। इन चार माओवादियों से उनका सामना इटापल्ली तालुका के जांबिया गट्टा की साप्ताहिक बाजार में हुआ।

इस मुठभेड़ में गोमजी ने माओवादियों से न सिर्फ अपनी एक-47 राइफल वापस छीन ली। बल्कि उन्हें भी हथियार छोड़ भागने पर मजबूर कर दिया। बुरी तरह गोमजी के सीने में गहरा घाव था। लेकिन भीडभाड वाले इलाके में भी उन्होंने हमलावरों का पीछा नहीं छोड़ा।

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अविश्वसनीय लेकिन हैरतअंगेज

गोमजी इस समय ओसीएचआरआई अस्पताल में भर्ती हैं। लेकिन उन्हें देख यकीन ही नहीं होता कि ये हंसमुख सा व्यक्ति जो बेड पर है। उसने मौत को मात दी है। गोमजी पर काफी करीब से हमला हुआ था। लेकिन पिस्टल अटक गई। इसके बाद उन्होंने हमलावरों को अगला मौका नहीं दिया। ये सब उस समय हुआ जब गोमजी साप्ताहिक बाजार से पुलिस पोस्ट पर वापस लौट रहे थे। उनके साथी आगे निकल गए थे। लेकिन वो अपने एक साथी से मिलने के लिए बाजार में रुक गए थे। यहीं माओवादियों ने उन्हें घेर लिया था।

गोमजी कहते हैं, मैं कुछ समझ पाता उससे पहले ही मेरे बाएं हाथ को झटका देकर मुझे गिरा दिया गया और चार हमलावरों ने मुझे घेर लिया। उनमें से एक ने गन निकालकर ट्रिगर दबाया, लेकिन फायर नहीं हुआ। मुझे समझ आ गया कि ये मुझे मार मेरे हथियार छीनना चाहते हैं, इसलिए मैंने अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने दी। उन्होंने मुझे पीटा और मेरी एके-47 छीन ली, वो जब भागने लगे तो मैंने उनका पीछा किया और उनसे भिड़ गया।



Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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